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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली स्थित दो प्रमुख संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स दिल्ली) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली (आईआईटी दिल्ली), स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठा रहे हैं। दोनों संस्थानों ने मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को स्वास्थ्य सेवा में उपयोग करने के लिए एक 'उत्कृष्टता केंद्र' (Centre of Excellence - CoE) स्थापित करने का निर्णय लिया है। यह पहल चिकित्सा ज्ञान और तकनीकी विशेषज्ञता के संगम का प्रतीक है, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाना है।

इस उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा के विभिन्न पहलुओं में AI की क्षमता का पता लगाना और उसे लागू करना है। इसमें AI का उपयोग करके बीमारियों का जल्दी और सटीक निदान करना, बेहतर उपचार पद्धतियाँ विकसित करना, मरीजों की देखभाल को अधिक कुशल बनाना और चिकित्सा अनुसंधान को गति देना शामिल है। केंद्र AI आधारित समाधानों के अनुसंधान, विकास और तैनाती पर ध्यान केंद्रित करेगा।

इस सहयोग से कई फायदे होने की उम्मीद है। एम्स दिल्ली, जो देश का प्रमुख चिकित्सा संस्थान है, के पास विशाल नैदानिक (clinical) डेटा और चिकित्सा विशेषज्ञता है। दूसरी ओर, आईआईटी दिल्ली, जो एक अग्रणी तकनीकी संस्थान है, के पास AI और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में गहरी तकनीकी विशेषज्ञता है। इन दोनों संस्थानों का साथ आना AI को स्वास्थ्य सेवा में प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आदर्श संयोजन है। यह सहयोग वास्तविक दुनिया की चिकित्सा समस्याओं के लिए तकनीकी समाधान खोजने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

यह केंद्र स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच को बेहतर बनाने, मरीजों के परिणामों में सुधार करने और चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह डॉक्टरों, इंजीनियरों और शोधकर्ताओं के बीच क्रॉस-डिसिप्लिनरी सहयोग को भी बढ़ावा देगा, जो AI समाधानों को विकसित करने और लागू करने के लिए आवश्यक है। यह भविष्य के स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों को AI के उपयोग में प्रशिक्षित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

यह उत्कृष्टता केंद्र भारत में स्वास्थ्य सेवा के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। AI की शक्ति का उपयोग करके, एम्स और आईआईटी दिल्ली न केवल भारतीय स्वास्थ्य सेवा के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने की उम्मीद करते हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी चिकित्सा नवाचार में योगदान देना चाहते हैं। यह पहल दिखाती है कि कैसे अंतर-संस्थागत सहयोग बड़े और जटिल मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

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