Up Kiran, Digital Desk: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज़ और अब क्रिकेट विश्लेषक आकाश चोपड़ा ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में ऑलराउंडर शार्दुल ठाकुर के कम इस्तेमाल (underutilisation) को लेकर सवाल उठाए हैं। चोपड़ा ने टीम प्रबंधन की रणनीति पर संदेह व्यक्त किया है कि क्यों 'लॉर्ड शार्दुल' को पर्याप्त मौके नहीं दिए गए, खासकर जब टीम को उनकी ज़रूरत थी।
आकाश चोपड़ा ने अपने विश्लेषण में कहा कि शार्दुल ठाकुर एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो बल्ले और गेंद दोनों से योगदान दे सकते हैं। उन्हें निचले क्रम में महत्वपूर्ण रन बनाने और अहम मौकों पर विकेट लेने की क्षमता के लिए जाना जाता है। हालांकि, इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट में उन्हें न तो पर्याप्त ओवर दिए गए और न ही उनकी बल्लेबाज़ी का सही से उपयोग किया गया।
चोपड़ा के मुख्य तर्क:
गेंदबाज़ी का उपयोग: चोपड़ा ने इस बात पर हैरानी जताई कि जब भारतीय टीम को विकेटों की सख्त ज़रूरत थी, तब शार्दुल को कम ओवर क्यों दिए गए। उनका मानना है कि शार्दुल दबाव में विकेट लेने की क्षमता रखते हैं और उन्हें अधिक जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी।
बल्लेबाज़ी क्षमता: शार्दुल ने पहले भी विदेशी पिचों पर निचले क्रम में महत्वपूर्ण अर्धशतकीय पारियां खेली हैं, लेकिन उन्हें बल्लेबाज़ी में ऊपर भेजने या उनकी क्षमता का पूरा उपयोग करने की कोशिश नहीं की गई।
संतुलन प्रदान करना: शार्दुल का टीम में होना एक ऑलराउंडर के रूप में टीम को बेहतर संतुलन प्रदान करता है, खासकर जब टीम के मुख्य बल्लेबाज़ संघर्ष कर रहे हों।
आकाश चोपड़ा ने सुझाव दिया कि टीम प्रबंधन को शार्दुल ठाकुर की क्षमताओं पर अधिक भरोसा करना चाहिए और उन्हें परिस्थितियों के अनुसार अधिक सक्रिय भूमिका देनी चाहिए। उनका मानना है कि यदि शार्दुल का सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो वह टीम के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकते हैं।
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