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अडानी समूह ने अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन को लगाया है। ताकि शॉर्ट-सेलर Hindenburg Research के दावों की पोल खोली जा सके।

हिंडनबर्ग ने अडानी पर कंपनी के शेयरों और बॉन्ड में हेरफेर करने का आरोप लगाया है। इस मामले से परिचित दो अफसरों ने एक मीडिया संस्थान को बताया कि 24 जनवरी की हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद से अडानी समूह द्वारा अपना बचाव करने का यह पहला बड़ा प्रयास है, जिसमें अपतटीय टैक्स हेवन के अनुचित उपयोग और स्टॉक हेरफेर का आरोप लगाया गया है।

120 अरब डॉलर का घाटा

आपको बता दें कि अरबपति गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने आरोपों का खंडन किया है, मगर निवेशक चिंतित हैं। पिछले तीन हफ्तों में समूह की सात रियलस्टेट सहायक कंपनियों को करीब 120 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। अडाणी समूह ने पिछले सप्ताह कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित पक्ष लेनदेन और आंतरिक नियंत्रण से संबंधित मुद्दों के स्वतंत्र मूल्यांकन पर विचार कर रहा है। उसके बाद पहली बार ग्रांट थॉर्नटन कंपनी की नियुक्ति की जानकारी सामने आई है।
 

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