pooja khedkar: दो दिन पहले यूपीएससी ने पुणे में पूजा खेडकर के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई की थी। खुलासा हुआ है कि खेडकर ने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र दिया था। इसके चलते यह कार्रवाई की गई है। इस बीच अब 6 और अफसर मुसीबत में फंस गए हैं। पूजा खेडकर का मामला सामने आने के बाद कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने छह अन्य अफसरों के मेडिकल प्रमाणपत्रों की जांच शुरू कर दी है।
जिन अफसरों के सर्टिफिकेट की जांच की गई है उनके नाम और सर्टिफिकेट पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे थे। सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने के बाद अब कुछ प्रोबेशनरी और कुछ सेवारत अफसरों के विकलांगता प्रमाणपत्र जांच के दायरे में आ गए हैं।
पूजा खेडकर पर लगे धोखाधड़ी के आरोप के बाद केंद्रीय लोक सेवा आयोग ने प्रशिक्षु आईएएस की नियुक्ति रद्द कर दी है। यूपीएससी ने न केवल उनकी उम्मीदवारी रद्द कर दी है, बल्कि खेडकर को भविष्य में किसी भी परीक्षा या चयन में शामिल होने की अनुमति भी नहीं दी है।
पूजा ने अपने माता-पिता का नाम बदल लिया था
यूपीएससी ने कहा है कि उपलब्ध दस्तावेजों की प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट है कि पूजा खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा यानी सीएसई-2022 के मानदंडों का उल्लंघन किया है।
यूपीएससी ने 18 जुलाई को पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नाम बदलकर यूपीएससी परीक्षा कैसे दें? यह पूछा गया। हालांकि पूजा ने 4 अगस्त तक का समय मांगा था, लेकिन उन्हें जवाब देने के लिए 25 जुलाई तक का समय दिया गया था। यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई दोपहर 3।30 बजे तक का समय दिया था, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा है। इस वजह से यूपीएससी ने उनकी नियुक्ति रद्द कर दी।
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