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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस कायराना हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है और ऐसा प्रतीत होता है कि अब भारत पड़ोसी मुल्क को मुंहतोड़ जवाब देने की तैयारी में जुट गया है। इस दिशा में भारत ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन करते हुए दो महत्वपूर्ण मिसाइल परीक्षण किए हैं जो पाकिस्तान को स्पष्ट संकेत देते हैं कि भारत किसी भी दुस्साहस का करारा जवाब देने में सक्षम है।

शुक्रवार को भारत ने हाइपरसोनिक हथियारों में इस्तेमाल होने वाली एडवांस्ड स्क्रैमजेट कनेक्टेड टेस्ट फैसिलिटी (एससीपीटी) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इस उपलब्धि को हाइपरसोनिक हथियार प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। हैदराबाद स्थित डीआरडीएल प्रयोगशाला में निर्मित इस एससीपीटी में 1000 सेकंड से अधिक की अवधि के लिए एक्टिवली कूल्ड स्क्रैमजेट सबस्केल कॉम्बस्टर का जमीनी परीक्षण किया गया।

भारत की हाइपरसोनिक हथियार क्षमताओं में इजाफा

ये परीक्षण इस साल जनवरी में किए गए 120 सेकंड के पिछले परीक्षण का ही अगला चरण है। डीआरडीओ का कहना है कि इस सफल परीक्षण के साथ यह प्रणाली जल्द ही पूर्ण-शक्ति कम्बस्टर परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगी जो भारत की हाइपरसोनिक हथियार क्षमताओं को और मजबूत करेगा।

इससे पहले पहलगाम हमले के महज 48 घंटे के भीतर गुरुवार को भारतीय नौसेना ने भी अरब सागर में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया। युद्धपोत आईएनएस सूरत से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। नौसेना के अनुसार भारत के स्वदेशी गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत आईएनएस सूरत ने इस दौरान समुद्र में एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा। इस परीक्षण को भारत की नौसैनिक शक्ति और स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी की सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

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