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Up Kiran, Digital Desk: भारत और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनाव को कम करने के प्रयासों के तहत, दोनों एशियाई पड़ोसी देश सीमा पर स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं (locally made goods) के व्यापार को फिर से शुरू करने की दिशा में महत्वपूर्ण चर्चा कर रहे हैं। यह कदम पिछले पांच वर्षों से अधिक समय में द्विपक्षीय संबंधों (bilateral relations) को सामान्य करने की दिशा में एक धीमी लेकिन स्थिर प्रगति को दर्शाता है।

सीमा व्यापार बहाली पर चर्चा जारी

नई दिल्ली के अधिकारियों के अनुसार, जो इस मामले से परिचित हैं, दोनों पक्ष साझा सीमा (shared border) पर निर्दिष्ट बिंदुओं (designated points) के माध्यम से व्यापार फिर से शुरू करने का प्रस्ताव दे रहे हैं। यह चर्चाएं अभी भी निजी (private) हैं, इसलिए पहचान जाहिर न करने की शर्त पर लोगों ने यह जानकारी दी है। यह उम्मीद की जा रही है कि इस व्यापार बहाली से सीमावर्ती क्षेत्रों (border regions) में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार होगा, जैसा कि चीन के विदेश मंत्रालय (China's Ministry of Foreign Affairs) ने भी स्वीकार किया है।

चीन का सकारात्मक रूख: 'संचार और समन्वय बढ़ाने को तैयार'

गुरुवार को, चीन के विदेश मंत्रालय ने ब्लूमबर्ग न्यूज़ (Bloomberg News) की एक पूछताछ के जवाब में कहा कि बीजिंग (Beijing) इस मामले पर "भारत के साथ संचार और समन्वय बढ़ाने को तैयार है।" मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि "चीन और भारत के बीच सीमा व्यापार ने लंबे समय से दोनों देशों के सीमावर्ती निवासियों के जीवन को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।" यह बयान भारत के साथ संबंधों को बेहतर बनाने की चीन की इच्छा को दर्शाता है।

यह विकास ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों को सामान्य करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं, जबकि भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका (United States) के बीच व्यापार शुल्कों (trade tariffs) को लेकर संबंध कुछ हद तक तनावपूर्ण बने हुए हैं। सीमा व्यापार का फिर से शुरू होना न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि यह दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली (confidence building) के प्रयासों का एक मजबूत संकेत भी देगा।

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