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Up Kiran, Digital Desk: राष्ट्रीय वाहक एयर इंडिया को यात्रियों को असुविधा पहुंचाने वाला एक बड़ा फैसला लेना पड़ा है। कंपनी ने सुरक्षा जांच और परिचालन संबंधी दिक्कतों के चलते अपनी 38 साप्ताहिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में कटौती करने की घोषणा की है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब एयर इंडिया अपने बेड़े और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है।

क्या है वजह?

एयर इंडिया ने इन उड़ानों में कटौती का मुख्य कारण सुरक्षा जांच (Safety Checks) और परिचालन संबंधी बाधाएं (Operational Disruptions) बताया है। इसका अर्थ है कि कंपनी अपने विमानों की व्यापक सुरक्षा जांच कर रही है और साथ ही पायलटों, चालक दल की उपलब्धता या अन्य लॉजिस्टिक्स चुनौतियों का सामना कर रही है, जिससे उन्हें अपनी उड़ान अनुसूची को समायोजित करना पड़ रहा है। यह सुनिश्चित करना एयरलाइन की प्राथमिकता है कि सभी उड़ानें सुरक्षित हों और उच्चतम मानकों को पूरा करें।

यात्रियों पर क्या होगा असर?

यात्रा योजनाओं में बदलाव: जिन यात्रियों ने इन 38 रद्द की गई साप्ताहिक उड़ानों में बुकिंग की थी, उनकी यात्रा योजनाएं सीधे तौर पर प्रभावित होंगी। उन्हें वैकल्पिक उड़ानों की तलाश करनी होगी या अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ सकती है।

रिफंड या री-शेड्यूलिंग: एयर इंडिया आमतौर पर ऐसी स्थिति में प्रभावित यात्रियों को पूरा रिफंड या बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के वैकल्पिक उड़ानें बुक करने का विकल्प प्रदान करती है।

विश्वास पर असर: लगातार उड़ानों में देरी, रद्द होना और अब अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में कटौती से एयरलाइन की विश्वसनीयता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) जैसी नियामक संस्थाएं ऐसी स्थितियों पर करीब से नजर रखती हैं। एयर इंडिया के लिए यह एक चुनौती भरा दौर है, जहाँ उसे अपनी परिचालन दक्षता को सुधारना होगा और यात्रियों का भरोसा फिर से हासिल करना होगा। यह कदम दीर्घकालिक सुरक्षा और विश्वसनीयता के लिए आवश्यक हो सकता है, लेकिन अल्पकालिक रूप से यह यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बनेगा।

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