
Up Kiran, Digital Desk: अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (AIIEA) ने विशाखापत्तनम में अपना 75वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। यह अवसर संघ के गौरवशाली इतिहास और भारत में बीमा क्षेत्र के सार्वजनिकरण में उसके महत्वपूर्ण योगदान को दर्शाता है।
1949 में स्थापित, AIIEA ने भारत में बीमा कंपनियों के राष्ट्रीयकरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और साधारण बीमा निगम (GIC) जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के दिग्गजों का उदय हुआ। संघ का मूल उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा करना और सार्वजनिक क्षेत्र में बीमा को मजबूत करना रहा है, जो राष्ट्रीय हित और जन कल्याण को सुनिश्चित करता है।
आज, AIIEA सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा को निजीकरण के बढ़ते खतरों का सामना कर रहा है, खासकर भाजपा सरकार की नीतियों के कारण। AIIEA के महासचिव के.एस. बाबू ने इस अवसर पर अपनी बात रखते हुए कहा कि भाजपा सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा क्षेत्र को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि संघ राष्ट्रीय हित में सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बाबू ने सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के खिलाफ, शेयरों के विनिवेश (disinvestment) के खिलाफ, और तत्काल वेतन संशोधन (wage revision) की मांग को दोहराया। उन्होंने यह भी कहा कि संघ समाज के सभी वर्गों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज (social security coverage) के विस्तार की वकालत कर रहा है।
विशाखापत्तनम क्षेत्रीय सचिव बी. नागेश्वर राव ने इस लड़ाई में सभी कर्मचारियों से एकजुट होने का आह्वान किया। यह 75वां स्थापना दिवस केवल एक जश्न नहीं, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के बीमा की रक्षा और उसके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक नए संकल्प का प्रतीक है।
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