
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस की दुनिया में Amazon ने एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए Project Kuiper के तहत अपना पहला सैटेलाइट बैच लॉन्च कर दिया है।
ई-कॉमर्स दिग्गज अब सीधे एलन मस्क की Starlink को टक्कर देने के लिए तैयार है।
जहां Starlink पहले ही 105 से ज्यादा देशों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सर्विस उपलब्ध करा चुका है, वहीं अब Amazon भी इस रेस में पूरी ताकत से उतर गया है — और जल्द ही भारत भी इसका बड़ा मैदान बन सकता है।
27 सैटेलाइट्स का सफल लॉन्च
Amazon ने अमेरिका के फ्लोरिडा से 27 एटलस V रॉकेट धरती की कक्षा में भेजे।
लॉन्चिंग यूनाइटेड लॉन्च अलायंस (ULA) द्वारा की गई और सैटेलाइट्स को 630 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थापित किया गया है।
इससे पहले, 2023 में Amazon ने दो टेस्ट सैटेलाइट्स सफलतापूर्वक लॉन्च किए थे।
इन सैटेलाइट्स पर खास मिरर फिल्म लगाई गई है, जो सूर्य की रोशनी को परावर्तित करेंगी, जिससे बेहतर सिग्नल कवरेज मिलेगा।
Project Kuiper का बड़ा प्लान
Amazon का लक्ष्य है कि 3,200 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में स्थापित कर, पूरी दुनिया में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस उपलब्ध कराई जाए।
इसके जरिए दूर-दराज और इंटरनेट से वंचित इलाकों तक हाई-स्पीड कनेक्टिविटी पहुंचाई जाएगी।
इस प्रोजेक्ट के जरिए Amazon सीधी प्रतिस्पर्धा Starlink से करेगा, जिसने अब तक 8,000 से ज्यादा सैटेलाइट्स लॉन्च कर लिए हैं, जिनमें से 7,000 अभी भी सक्रिय हैं।
Starlink के लिए खतरे की घंटी
Starlink का फिलहाल सैटेलाइट इंटरनेट मार्केट में दबदबा है, लेकिन अब चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं।
OneWeb, जो Airtel द्वारा समर्थित है, ने भी सैकड़ों सैटेलाइट लॉन्च कर डायरेक्ट-टू-मोबाइल कनेक्टिविटी की टेस्टिंग शुरू कर दी है।
भारत में OneWeb के जरिए सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस जल्द ही एयरटेल प्रदान करने वाली है।
अब Amazon का Project Kuiper भी मैदान में उतर आया है, जो Starlink के वर्चस्व को सीधी टक्कर देगा।
भारत में सैटेलाइट इंटरनेट की नई रेस
Starlink, Amazon Kuiper और OneWeb — तीनों कंपनियां भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
भारत जैसे विशाल बाजार में, जहां रूरल एरिया तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना चुनौती है, सैटेलाइट इंटरनेट एक गेमचेंजर साबित हो सकता है।
आने वाले महीनों में इस क्षेत्र में तगड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।
क्या होगा अगला कदम?का अगला लक्ष्य 2025 तक अपने सैटेलाइट नेटवर्क का बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है।Starlink भी अपनी नेटवर्क क्षमता बढ़ाने पर काम कर रहा है।वहीं, OneWeb भारत में सरकारी मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी ला रहा है।
साफ है: सैटेलाइट इंटरनेट की दुनिया में एक नई जंग शुरू हो चुकी है, और इसका सीधा फायदा मिलने वाला है उन यूजर्स को, जो अब तक इंटरनेट से दूर थे।
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