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मध्य एशिया में संकट के बादल मंडरा रहे हैं। ईरान और इजरायल की सरहदें एक्टिव मोड पर हैं। ईरान एक मर्तबा इजराइल पर हमला करके ये साबित कर चुका है कि वो कभी भी प्रहार कर सकता है। इजराइल में बार बार वॉर कैबिनेट की मीटिंग हो रही है। इजरायली पीएम का कहना है कि वो ईरान पर हमला लाजमी करेंगे, मगर इजराइल का सबसे खास दोस्त अमेरिका इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है।

अमेरिका का कहना है कि इजराइल किसी भी प्रकार से बदले की कार्रवाई नहीं करेगा। मगर नेतन्याहू अमेरिका की इस बात को भी नजर अंदाज कर रहे हैं। इसी कारण अमेरिका और इजराइल में भी तनाव बन गया है फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक में इजरायली फौज पर मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर इल्जाम लगते रहे हैं।

ऐसे में खबर है कि अमेरिका वहां आम लोगों को निशाना बनाने के आरोप में इजरायली रक्षा बलों आईडीएफ की एक यूनिट पर प्रतिबंधों का ऐलान कर सकती है। एक समाचार साइट ने बीते कल ये खबर दी है। अगर ऐसा होता है तो किसी इजरायली सैन्य टुकड़ी के खिलाफ प्रशासन की ये पहली कार्रवाई होगी। इजरायली आर्मी की यूनिट का नाम नेत्जा यहूदा बटालियन है।

समाचार वेबसाइट ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मानवाधिकार कानूनों के तहत नेत्जा यहूदा अमेरिकी सैनिकों के साथ प्रशिक्षण नहीं ले पाएंगे या अमेरिकी फंडिंग के साथ किसी भी गतिविधि में भाग नहीं ले पाएंगे। इन प्रतिबंधों से बटालियन को अमेरिकी हथियारों के हस्तांतरण पर भी रोक लग जाएगी। 

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