Up Kiran, Digital Desk: अंतरराष्ट्रीय व्यापार की दुनिया में एक बड़ी हलचल होने वाली है, जिसका असर पूरी ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पर पड़ सकता है। अमेरिकी सरकार ने घोषणा की है कि वह जापान और दक्षिण कोरिया से आने वाली गाड़ियों पर नया टैरिफ (आयात शुल्क) लगाने की तैयारी कर रही है। यह फैसला इन देशों की कार निर्माता कंपनियों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है।
किस पर कितना लगेगा टैक्स?
खबरों के मुताबिक, जापान से आने वाली गाड़ियों पर 2.5% का टैरिफ लगाया जाएगा। हालांकि यह आंकड़ा छोटा लग सकता है, लेकिन लाखों गाड़ियों के आयात पर यह एक बड़ी रकम बन जाती है।
असली झटका दक्षिण कोरिया की कार कंपनियों जैसे हुंडई (Hyundai) और किआ (Kia) को लगने वाला है। उन पर लगने वाला टैक्स बहुत ज्यादा है - पूरे 25%। यह एक ऐसा कदम है जो इन कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में अपनी गाड़ियों की कीमत प्रतिस्पर्धी बनाए रखना लगभग नामुमकिन कर सकता है।
क्यों लिया गया यह फैसला:इस फैसले के पीछे की आधिकारिक वजह अभी पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन इसे अमेरिका की 'अमेरिका फर्स्ट' नीति के हिस्से के रूप में देखा जा रहा है। इसका मकसद अमेरिकी कार निर्माता कंपनियों को विदेशी प्रतिस्पर्धा से बचाना और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देना है। अमेरिका चाहता है कि विदेशी कंपनियां या तो अमेरिका में ही अपनी गाड़ियां बनाएं या फिर ज्यादा टैक्स चुकाएं।
यह कदम पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों की याद दिलाता है, जिन्होंने दूसरे देशों से आने वाले सामानों पर भारी टैरिफ लगाए थे।
भारत पर क्या हो सकता है असर: यह फैसला सीधे तौर पर भारत पर लागू नहीं होता है, लेकिन इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव हो सकते हैं। जब भी अंतरराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल बाजार में इतना बड़ा बदलाव होता है, तो सप्लाई चेन और बाजार की गतिशीलता पर असर पड़ता है। कोरियाई और जापानी कंपनियां इस नुकसान की भरपाई के लिए भारत जैसे दूसरे बड़े बाजारों पर और ज्यादा ध्यान केंद्रित कर सकती हैं, जिससे यहां प्रतिस्पर्धा और बढ़ सकती है।
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