
Up Kiran, Digital Desk: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। भारत की तरफ से लगातार उठाए जा रहे कदमों (जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बैन आदि) के बीच, पाकिस्तान ने तनाव कम करने के लिए रूस से दखल देने का आग्रह किया है।
मॉस्को में पाकिस्तान के राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने रूस से इस मामले में मदद करने और तनाव घटाने में भूमिका निभाने की अपील की है। वहीं, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जाहिर की है और दोनों ही देशों से संयम बरतने को कहा है।
ताशकंद समझौते की याद दिलाई
पाकिस्तानी राजदूत मोहम्मद खालिद जमाली ने एक इंटरव्यू में कहा कि रूस के भारत के साथ विशेष रणनीतिक संबंध हैं और पाकिस्तान के साथ भी अच्छे रिश्ते हैं। उन्होंने 1966 के ताशकंद समझौते का जिक्र करते हुए उम्मीद जताई कि रूस अपने इन अच्छे संबंधों का इस्तेमाल दोनों देशों के बीच तनाव कम कराने में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। गौरतलब है कि तत्कालीन सोवियत संघ (जिसका मुख्य हिस्सा अब रूस है) ने ही 1966 में भारत-पाकिस्तान के बीच ताशकंद समझौता कराकर युद्ध समाप्त करवाया था।
रूस की संयम बरतने की अपील
दूसरी ओर, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने दोनों देशों से शांति बनाए रखने और संयम बरतने की अपील की है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने लावरोव से फोन पर बात की और उन्हें मौजूदा हालात की जानकारी दी।
बयान के मुताबिक, लावरोव ने स्थिति पर चिंता जताई और कूटनीतिक (बातचीत से) समाधान के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने साफ कहा कि दोनों पक्षों को संयम बरतना चाहिए और तनाव को और बढ़ने से रोकना चाहिए।
भारत से भी हुई बात, द्विपक्षीय हल पर जोर
इससे पहले, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी रूसी विदेश मंत्री लावरोव से फोन पर बात की थी। जानकारी के अनुसार, लावरोव ने दोनों ही पक्षों से तनाव कम करने का आग्रह किया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने 1972 के शिमला समझौते और 1999 के लाहौर घोषणापत्र का भी जिक्र किया। ये दोनों ही समझौते इस बात पर जोर देते हैं कि भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दों को द्विपक्षीय (यानी आपसी बातचीत) तरीके से, बिना किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के हल करें।
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