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Up Kiran, Digital Desk: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। रूस ने पाकिस्तान के साथ कराची में बंद पड़े पाकिस्तान स्टील मिल्स (PSM) को पुनर्जीवित करने के लिए 2.6 बिलियन डॉलर का अहम आर्थिक समझौता किया है। यह सौदा पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

समझौते की खास बातों पर एक नजर

पाक की सबसे पुरानी और बड़ी इस्पात मिल जो 1970 के दशक में सोवियत संघ की मदद से स्थापित हुई थी 2015 में बंद हो गई थी। अब रूस की एडवांस तकनीक के जरिए इसे पुनः चालू किया जाएगा। इस नई तकनीक से पाकिस्तान की स्टील उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और वह अपनी आयात निर्भरता में करीब 30% की कटौती कर सकेगा। ये बड़ा लाभ होगा क्योंकि हर साल पाकिस्तान स्टील के लिए अरबों डॉलर का आयात करता है।

पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर

इस परियोजना से पाकिस्तान को कई स्तरों पर फायदा होगा। सबसे पहले स्टील आयात कम होने से विदेशी मुद्रा का दबाव घटेगा जो वर्तमान में आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान के लिए राहत की बात है। साथ ही कराची और आस-पास के इलाकों में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे जिससे स्थानीय आर्थिक गतिविधि में तेजी आएगी। रूस की उन्नत तकनीक के इस्तेमाल से पाकिस्तान का स्टील उद्योग अधिक आधुनिक और प्रतिस्पर्धी बन सकेगा जो दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता के लिए ज़रूरी है।

भारत के लिए क्यों है ये डील चिंता का सबब

ये सौदा उस वक्त हुआ है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा तनाव चरम पर है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और उसके जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को और तनावपूर्ण बना दिया है। ऐसे में रूस का पाकिस्तान के साथ इस बड़े आर्थिक समझौते में जाना भारत के लिए चिंता का विषय हो सकता है खासकर सुरक्षा और रणनीतिक संतुलन के लिहाज़ से।

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