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Up kiran,Digital Desk : टेक जगत से एक ऐसी खबर आई है जिसने सबको चौंका दिया है। अमूमन हम गूगल, अमेज़न या मेटा जैसी कंपनियों में छंटनी की खबरें सुनते रहते हैं, लेकिन iPhone बनाने वाली कंपनी Apple अपनी जॉब सिक्योरिटी के लिए जानी जाती है। मगर इस बार मामला अलग है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐप्पल ने अपनी सेल्स टीम (Sales Team) में चुपचाप छंटनी शुरू कर दी है। यह खबर इसलिए भी हैरान करने वाली है क्योंकि कंपनी रिकॉर्ड तोड़ मुनाफा कमा रही है, फिर भी कर्मचारियों को घर भेजा जा रहा है।

यहाँ हम आसान भाषा में समझते हैं कि आखिर Apple के अंदर चल क्या रहा है।

टेक्नोलॉजी की दुनिया में Apple को 'सबसे सुरक्षित' नौकरी वाला माना जाता है। कंपनी के सीईओ टिम कुक (Tim Cook) खुद कई बार कह चुके हैं कि "छंटनी करना हमारा आखिरी विकल्प (Last Resort) होता है।" लेकिन अब लग रहा है कि वो आखिरी विकल्प आ गया है। ताजा ख़बरों के मुताबिक, ऐप्पल ने अपनी सेल्स टीम के कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

किसे बाहर निकाला गया?

हैरानी की बात यह है कि इस छंटनी की चपेट में सिर्फ नए कर्मचारी नहीं आए हैं, बल्कि वो लोग भी नपे हैं जिन्होंने अपनी जिंदगी के 20 से 30 साल इस कंपनी को दिए थे।
यह छंटनी खास तौर पर उन 'अकाउंट मैनेजर्स' पर असर डाल रही है, जिनका काम बड़ी कंपनियों, स्कूलों और सरकारी संस्थाओं (Government Agencies) को प्रोडक्ट बेचना था।

सबसे ज्यादा नुकसान उस टीम को हुआ है जो अमेरिकी रक्षा विभाग और न्याय विभाग के साथ काम करती थी। बताया जा रहा है कि इन कर्मचारियों को सिर्फ 15 दिन पहले बता दिया गया था कि उनकी नौकरी खतरे में है।

कंपनी आखिर ऐसा क्यों कर रही है?

अब सवाल यह है कि जब Apple इस दिसंबर तिमाही में 140 अरब डॉलर (Record Revenue) की बिक्री का अनुमान लगा रही है, तो उसे कुछ कर्मचारियों की सैलरी बचाने की क्या जरूरत पड़ गई?
इसके पीछे कंपनी की एक नई 'बिजनेस स्ट्रैटेजी' बताई जा रही है:

  1. इनडायरेक्ट सेल्स: कुछ कर्मचारियों का मानना है कि कंपनी अब खुद सीधे सामान बेचने के बजाय 'बाहरी रीसेलर्स' (जिन्हें चैनल पार्टनर्स कहा जाता है) पर ज्यादा भरोसा जताना चाहती है। इससे कंपनी का आंतरिक खर्च और सैलरी का बोझ कम होता है।
  2. डुप्लीकेट काम कम करना: कंपनी का कहना है कि वे ओवरलैपिंग (एक जैसा काम करने वाले कई लोग) को खत्म कर रहे हैं ताकि सेल्स टीम बेहतर तरीके से काम कर सके।

अब इन कर्मचारियों का क्या होगा?

अच्छी बात यह है कि ऐप्पल ने अपने कर्मचारियों को बीच मंझधार में नहीं छोड़ा है। जिन लोगों की कुर्सी गई है, उन्हें 20 जनवरी तक का समय दिया गया है। इस दौरान वे कंपनी के अंदर ही किसी और पद (Role) के लिए अप्लाई कर सकते हैं और नौकरी बचा सकते हैं। अगर 20 जनवरी तक उन्हें कोई नई भूमिका नहीं मिलती, तो कंपनी उन्हें 'सेवरेंस पैकेज' देकर विदा करेगी।

फ्यूचर प्लान और माहौल

उधर, ऐप्पल अगले साल की शुरुआत में एक सस्ता लैपटॉप (Low-end Laptop) लाने की तैयारी कर रही है, ताकि शिक्षा क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर सके। जहाँ एक तरफ अमेज़न जैसी कंपनियाँ 14,000 लोगों को निकाल रही हैं, वहीं ऐप्पल की यह छंटनी संख्या में भले ही कम हो, लेकिन यह संकेत देती है कि अब टेक वर्ल्ड में कोई भी जॉब 100% सुरक्षित नहीं है—चाहे कंपनी कितनी भी प्रॉफिट में क्यों न हो