
Up Kiran, Digital Desk:तेलंगाना के मुलुगु ज़िले में हर दो साल में एक बार आयोजित होने वाले एशिया के सबसे बड़े आदिवासी मेले, मेदारम सम्मक्का-सारलम्मा जतारा 2026 की तारीखें अब सामने आ गई हैं। लाखों भक्तों और श्रद्धालुओं का इंतज़ार अब खत्म हो गया है, क्योंकि बंदोबस्ती विभाग (Endowments Department) ने इन भव्य आयोजन की आधिकारिक घोषणा कर दी है।
कब होगा यह महाकुंभ?
यह ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण मेला 28 जनवरी, 2026 से शुरू होकर 31 जनवरी, 2026 तक चलेगा। चार दिनों तक चलने वाले इस जतारा में देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में भक्त देवी सम्मक्का और सारलम्मा का आशीर्वाद लेने के लिए मेदारम पहुंचते हैं।
जतारा का महत्व:
मेदारम जतारा को भारत का दूसरा सबसे बड़ा मेला माना जाता है, जो हर 2 साल में एक बार लगता है। यह सिर्फ एक धार्मिक आयोजन ही नहीं, बल्कि आदिवासी संस्कृति, परंपराओं और उनके अटूट विश्वास का प्रतीक भी है। इस दौरान भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए देवी को 'बंगारम' (गुड़) अर्पित करते हैं और विभिन्न अनुष्ठानों में भाग लेते हैं।
तैयारियों का सिलसिला:
हालांकि अभी मेले में काफी समय है, लेकिन इन तारीखों की घोषणा के साथ ही तेलंगाना सरकार और संबंधित विभाग बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर देंगे। इसमें श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएं, सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता, चिकित्सा सेवाएं और परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करना शामिल होगा। इतनी बड़ी संख्या में आने वाले भक्तों के लिए व्यापक इंतज़ाम करना एक चुनौती होती है, जिसे हर बार कुशलता से निभाया जाता है।
यह घोषणा भक्तों को अपनी यात्रा की योजना बनाने और इस अद्वितीय आदिवासी उत्सव का हिस्सा बनने का पर्याप्त समय देगी। मेदारम जतारा वास्तव में एक ऐसा अनुभव है जो तेलंगाना की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उसके लोगों की गहरी आस्था को दर्शाता है।
--Advertisement--