img

Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश में सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक अनोखी पहल की गई है। पुलिस अधीक्षक (SP) ने शहर के ऑटो-रिक्शा चालकों से अपील की है कि वे अपराधों को रोकने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। यह कदम पुलिस और जनता के बीच बेहतर तालमेल बनाने और शहर को सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है।

ऑटो चालक क्यों हैं खास? एसपी ने इस बात पर जोर दिया कि ऑटो चालक शहर की सड़कों पर हर वक्त मौजूद रहते हैं। वे शहर के हर कोने से वाकिफ होते हैं और हजारों लोगों से रोज बातचीत करते हैं। इसी वजह से वे पुलिस की 'आँखें और कान' बन सकते हैं। वे संदिग्ध गतिविधियों, व्यक्तियों या वस्तुओं पर नजर रख सकते हैं और अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की मदद कर सकते हैं।

सुरक्षा में योगदान के तरीके:

संदिग्ध गतिविधियों की सूचना: एसपी ने ऑटो चालकों से कहा कि अगर उन्हें कोई भी अज्ञात, संदिग्ध व्यक्ति, सामान या गतिविधि दिखाई दे, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें। अक्सर देखा गया है कि अपराधी अपने गलत इरादों के लिए ऑटो-रिक्शा का इस्तेमाल करते हैं।

महिलाओं की सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एसपी ने खास तौर पर सतर्क रहने को कहा। अगर उन्हें किसी महिला के साथ कोई दुर्व्यवहार या असुरक्षित स्थिति दिखे, तो वे तुरंत हस्तक्षेप करें और पुलिस को बताएं।

तकनीक का इस्तेमाल: एसपी ने सूचना देने के लिए पुलिस द्वारा जारी किए गए 'हॉक आई ऐप' (Hawk Eye App) और डायल 100 नंबर का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने चालकों को भरोसा दिलाया कि उनकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी, ताकि वे बिना किसी डर के सूचना दे सकें।

बदलेगी छवि, बढ़ेगा भरोसा: इस पहल से न केवल शहर में अपराध कम होंगे, बल्कि ऑटो चालकों की छवि भी बेहतर होगी। जब वे सार्वजनिक सुरक्षा में सक्रिय रूप से योगदान देंगे, तो लोगों का उन पर भरोसा बढ़ेगा। यह कदम समुदाय-आधारित पुलिसिंग (Community Policing) की दिशा में एक अहम पहल है, जहां पुलिस और आम नागरिक मिलकर एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं। एसपी ने सभी ऑटो चालकों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि सबकी भागीदारी से ही हम एक सुरक्षित शहर बना सकते हैं।

--Advertisement--