नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के नेताओं से मुलाकात को लेकर भारतीय राजनीति में एक बार फिर बहस छिड़ गई है। भाजपा ने इस बैठक को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा है। भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने राहुल की इस मुलाकात को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं और सार्वजनिक स्पष्टीकरण की मांग की है।
अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करते हुए पूछा, "राहुल गांधी CCP के किन नेताओं से मिले? इस बैठक का उद्देश्य क्या था? भारत-चीन सीमा पर तनाव के इस समय में कांग्रेस नेता की ऐसी मुलाकात किस संदेश को दर्शाती है?" उन्होंने यह भी पूछा कि आखिर राहुल गांधी किसके साथ खड़े हैं — भारत के साथ या किसी और के?
भाजपा का आरोप है कि कांग्रेस पार्टी चीन के प्रति नरम रवैया अपनाए हुए है और यह मुलाकात उसी नीति का हिस्सा हो सकती है। मालवीय ने यह भी याद दिलाया कि साल 2008 में कांग्रेस और चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके बारे में आज तक कांग्रेस ने पूरी जानकारी सार्वजनिक नहीं की।
उधर, कांग्रेस की ओर से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह एक सामान्य कूटनीतिक मुलाकात थी और इसे राजनीतिक रंग देना ठीक नहीं है। कांग्रेस का तर्क है कि ऐसे संवाद अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करने के लिए होते हैं और इसका कोई नकारात्मक राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।
यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब भारत-चीन सीमा पर हालात सामान्य नहीं हैं और दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। ऐसे में राहुल गांधी की यह मुलाकात राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अब सबकी निगाहें कांग्रेस की आधिकारिक प्रतिक्रिया पर टिकी हैं, जो इस विवाद को स्पष्टता दे सकती




