img

कांग्रेस और गांधी परिवार का गढ़ कहे जाने वाले अमेठी लोकसभा क्षेत्र पर 2019 के इलेक्शन में बीजेपी ने कब्जा कर लिया था। उस इलेक्शन में बीजेपी की स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता को करीब 55 हजार वोटों से हराया था। अब इस बार के इलेक्शन में भी स्मृति ईरानी बनाम राहुल गांधी होने की संभावना है।

बीजेपी ने यहां स्मृति ईरानी को उम्मीदवार बनाकर प्रचार भी शुरू कर दिया है। लेकिन अभी तक कांग्रेस की ओर से राहुल गांधी की उम्मीदवारी की घोषणा नहीं की गई है। कांग्रेस ने अभी तक ये रहस्य बनाए रखा है कि राहुल गांधी यहां से इलेक्शन लड़ेंगे या नहीं। इस बीच, मायावती की बसपा ने अमेठी सीट से अपने उम्मीदवार की घोषणा कर इस मुकाबले में रंग भर दिया है।

बसपा ने अमेठी से रवि प्रकाश मौर्य को उम्मीदवार बनाया है। रवि प्रकाश ने 2022 के यूपी विधानसभा इलेक्शन में अयोध्या से इलेक्शन लड़ा था। उस इलेक्शन में उनकी बुरी हार हुई थी। अब बसपा ने उन्हें एक बार फिर से उम्मीदवार बनाया है। बीएसपी के खेल ने इंडिया गठबंधन और बीजेपी दोनों की टेंशन बढ़ा दी है।

सपा और कांग्रेस को उम्मीद थी कि जातिवार जनगणना की मांग से ओबीसी वोट मजबूत होंगे। लेकिन बसपा प्रत्याशी ने वोट बंटने का खतरा पैदा कर दिया है। इसके अलावा भाजपा दलित और ओबीसी मतदाताओं को बसपा की ओर जाने का जोखिम नहीं उठा सकती। इसलिए चर्चा शुरू हो गई है कि अमेठी से मैदान में उतरे रवि प्रकाश बीजेपी की स्मृति ईरानी या कांग्रेस प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ाएंगे।

अगर अमेठी में 2014 और 2019 के इलेक्शन नतीजों पर नजर डालें तो बीएसपी के इस कदम से कांग्रेस और बीजेपी दोनों को नुकसान हो सकता है। साथ ही यहां लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है।

--Advertisement--