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पंजाब सरकार द्वारा शुरू किए गए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के तहत पंजाब के कई विधायकों और मंत्रियों पर मुकदमा चलाया गया है। इसी कड़ी में भ्रष्टाचार के मामले में फंसे बठिंडा ग्रामीण विधायक अमित रतन को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल पाई है.

मंगलवार को हाईकोर्ट में उनकी जमानत अर्जी पर कुछ देर के लिए सुनवाई हुई, मगर कोर्ट ने बिना कोई राहत दिए सुनवाई 18 मई तक के लिए टाल दी है. अमित रतन और उनके पीए को सरपंच से रिश्वत लेने के आरोप में पंजाब विजिलेंस ने भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार किया है। अमित रतन पर सरपंच से 4 लाख रुपये घूस लेने का आरोप है।

महिला सरपंच के पति ने विजिलेंस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद विजिलेंस ने जाल बिछाया और सर्किट हाउस बठिंडा की पार्किंग से उसके एक करीबी को चार लाख रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया. बाद में इस मामले में अमित रतन को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि विधायक ने पहले तो इसे विपक्ष की साजिश बताया और मामले से दूरी बनाने की कोशिश की.

इस मामले को लेकर कांग्रेस और अकाली दल ने आम आदमी पार्टी सरकार को घेरा था। इसके बाद विधायक अमित रतन फरार हो गया, जिसे बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद अमित रतन ने बठिंडा की जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की, मगर 11 अप्रैल को उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी गई. जिसके बाद अमित रतन ने हाईकोर्ट से जमानत की गुहार लगाई है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 18 मई को होगी.

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