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Up Kiran, Digital Desk: एक ऐसा समय था जब भारतीय समाज में इंजीनियरिंग और मेडिकल को ही सफलता की एकमात्र सीढ़ी माना जाता था। अभिभावक से लेकर छात्र तक, हर कोई इन्हीं दो क्षेत्रों में अपना भविष्य देखता था। हालाँकि, इक्कीसवीं सदी में अब तस्वीर बदल चुकी है। आज के दौर में ऐसे अनगिनत करियर विकल्प मौजूद हैं जो पारंपरिक डिग्रियों से परे, आपके हुनर और रचनात्मक सोच को प्राथमिकता देते हैं। यदि आपने JEE या NEET जैसी प्रवेश परीक्षाओं में सफलता हासिल नहीं की है, तो भी निराश होने की आवश्यकता नहीं। हम आपको ऐसे पाँच बेहतरीन करियर विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहाँ आप न सिर्फ सम्मानजनक स्थान बना सकते हैं, बल्कि सालाना 25-30 लाख रुपये तक की आय भी अर्जित कर सकते हैं।

1. UX/UI डिज़ाइन: डिजिटल दुनिया के शिल्पकार

आज के डिजिटल युग में, कोई भी वेबसाइट या मोबाइल एप्लिकेशन सिर्फ कार्यक्षमता तक सीमित नहीं है; उसे उपयोगकर्ता के अनुकूल और आकर्षक भी होना चाहिए। यहीं पर UX (यूजर एक्सपीरियंस) और UI (यूजर इंटरफेस) डिज़ाइनर की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। ये विशेषज्ञ यह सुनिश्चित करते हैं कि डिजिटल उत्पाद न केवल देखने में सुंदर लगें, बल्कि उनका उपयोग करना भी सहज और आनंददायक हो।

तकनीकी कंपनियों, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और फिनटेक स्टार्टअप्स में इनकी मांग तेज़ी से बढ़ रही है। इस क्षेत्र में प्रवेश के लिए आपको किसी विशिष्ट डिग्री की आवश्यकता नहीं है; आप Google UX Design Certificate या Coursera जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से भी आवश्यक कौशल सीख सकते हैं। शुरुआती वेतन 6 से 10 लाख रुपये सालाना हो सकता है, जबकि अनुभवी पेशेवरों की आय 20 से 25 लाख रुपये तक पहुँच सकती है।

2. डिजिटल मार्केटिंग: ऑनलाइन उपस्थिति का निर्माण

आज हर व्यवसाय, ब्रांड और यहाँ तक कि राजनेताओं के लिए भी डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बनाना अनिवार्य हो गया है। यहीं पर डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञ अपनी भूमिका निभाते हैं। ये पेशेवर सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO), पेड विज्ञापन अभियानों, कंटेंट स्ट्रेटेजी और सोशल मीडिया ट्रेंड्स की गहरी समझ रखते हुए किसी भी ब्रांड को डिजिटल मंच पर सफल बनाते हैं।

इस क्षेत्र में सफल होने के लिए भी किसी विशेष शैक्षणिक पृष्ठभूमि की बजाय कौशल महत्वपूर्ण है। Google, Meta Blueprint या UpGrad जैसे प्लेटफॉर्म्स से प्राप्त सर्टिफिकेट आपको एक मजबूत शुरुआत दे सकते हैं। एक नए डिजिटल मार्केटर की सैलरी 5 से 8 लाख रुपये सालाना तक हो सकती है, जबकि अनुभवी पेशेवर 20 लाख रुपये या उससे अधिक कमा सकते हैं।

3. एथिकल हैकिंग और साइबर सुरक्षा: डिजिटल दुनिया के प्रहरी

जैसे-जैसे हमारा जीवन अधिक से अधिक ऑनलाइन होता जा रहा है, साइबर सुरक्षा की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। एथिकल हैकर्स वो विशेषज्ञ होते हैं जिन्हें कंपनियां अपने सिस्टम की कमजोरियों का पता लगाने और उन्हें ठीक करने के लिए नियुक्त करती हैं, ताकि दुर्भावनापूर्ण हैकर्स उन कमजोरियों का फायदा न उठा सकें।

बीसीए या एमसीए जैसे कोर्स आपको इस रोमांचक और महत्वपूर्ण क्षेत्र में प्रवेश दिला सकते हैं। इस फील्ड में शुरुआती वेतन 8 से 10 लाख रुपये सालाना तक होता है, और अनुभवी साइबर सुरक्षा पेशेवरों की आय 30 लाख रुपये तक पहुँच सकती है।

4. एनिमेशन और गेम डिज़ाइन: कल्पना को साकार करने वाले

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, गेमिंग ऐप्स और वर्चुअल रियलिटी (VR) तकनीक के उदय ने एनिमेशन और VFX (विजुअल इफेक्ट्स) उद्योग को अभूतपूर्व ऊँचाइयों पर पहुँचा दिया है। यदि आपकी कल्पना शक्ति प्रबल है और आप डिजिटल माध्यम से कहानियाँ कहने का जुनून रखते हैं, तो यह क्षेत्र आपके लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

देश में कई संस्थान एनिमेशन और गेम डिज़ाइन में विशिष्ट कोर्स प्रदान करते हैं। इस रंगीन दुनिया में प्रवेश करने वालों को शुरुआत में 4 से 8 लाख रुपये सालाना मिल सकते हैं, और यदि आपके पास एक प्रभावशाली पोर्टफोलियो है, तो यह आय 15 लाख रुपये या उससे अधिक भी हो सकती है।

5. मनोविज्ञान और मानसिक स्वास्थ्य: मन के चिकित्सक

आधुनिक समाज में लोग अब मानसिक स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं, और इसी के साथ मनोवैज्ञानिकों और मानसिक स्वास्थ्य पेशेवरों की मांग भी तेज़ी से बढ़ी है। स्कूल, कॉर्पोरेट कार्यालयों, अस्पतालों और निजी थेरेपी क्लीनिकों में परामर्शदाताओं और थेरेपिस्ट्स की आवश्यकता लगातार महसूस की जा रही है।

आप बीए या एमए मनोविज्ञान की डिग्री के साथ-साथ काउंसलिंग और थेरेपी में डिप्लोमा या सर्टिफिकेशन करके इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। शुरुआती वेतन 4 से 6 लाख रुपये सालाना से शुरू होकर, एक वरिष्ठ थेरेपिस्ट या अनुभवी प्रैक्टिशनर के लिए यह 15 से 20 लाख रुपये तक जा सकता है।

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