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Up Kiran, Digital Desk: दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए तीसरे और अंतिम वनडे मैच में ऑस्ट्रेलिया की सलामी बल्लेबाज़ Beth Mooney ने बल्ले से ऐसा कहर ढाया कि भारत की गेंदबाज़ी बिखर गई। पहले बल्लेबाज़ी करने उतरी एलिसा हीली की कप्तानी वाली टीम ने शुरुआत से ही आक्रामक तेवर अपनाए और पावरप्ले में 77 रन जड़ दिए।

मूनी ने शुरुआत से ही गेंदबाज़ों पर दबाव बनाया और देखते ही देखते 57 गेंदों में शतक पूरा कर दिया। उन्होंने करेन रोल्टन के वनडे में दूसरे सबसे तेज़ शतक के रिकॉर्ड की बराबरी की। उनसे तेज़ शतक केवल मेग लैनिंग ने बनाया था, जिन्होंने 2012 में 45 गेंदों में सेंचुरी लगाई थी।

भारत की गेंदबाज़ी रही बेअसर

Beth Mooney की पारी ने भारतीय गेंदबाज़ों की रणनीति को पूरी तरह नाकाम कर दिया। उन्होंने ना सिर्फ रन बनाए बल्कि हर बॉलर की लाइन-लेंथ बिगाड़ दी। मूनी ने 75 गेंदों पर 138 रनों की धुआंधार पारी खेली और मैदान के हर कोने में चौके-छक्कों की बरसात कर दी।

45वें ओवर में जब मूनी क्रीज़ से बाहर निकलीं, तो भारतीय फील्डर्स को एक मौका मिला और दीप्ति शर्मा ने ग्रेस हैरिस को आउट कर भारत को थोड़ी राहत दी। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

रिकॉर्ड टूटे, आत्मविश्वास डगमगाया

इस मैच में भारत ने वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज़्यादा रन दिए। इससे पहले भी भारत ने 2024 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 371 रन लुटाए थे, लेकिन इस बार आंकड़ा उससे भी आगे निकल गया। यह टीम के लिए वर्ल्ड कप से पहले बड़ा संकेत है कि सुधार बेहद ज़रूरी है।

भारतीय टीम को इस हार से सबक लेना होगा। चाहे गेंदबाज़ी हो या फील्डिंग—हर क्षेत्र में सुधार की ज़रूरत है। वरना वर्ल्ड कप में इस तरह की टीमों के सामने टिकना मुश्किल होगा।