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Up Kiran, Digital Desk: हिमाचल प्रदेश में मानसून की भारी बारिश और तबाही के बाद अब इसका सीधा असर पंजाब पर दिखने लगा है. राज्य का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण बांध, भाखड़ा नांगल डैम, अपने अधिकतम जल भंडारण क्षमता के बिल्कुल करीब पहुंच गया है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बांध का जलस्तर 1679 फीट तक पहुंच गया है, जो इसकी अधिकतम क्षमता 1680 फीट से सिर्फ एक फुट कम है.

इस स्थिति ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) और पंजाब सरकार दोनों की चिंताएं बढ़ा दी हैं. हालात की गंभीरता को देखते हुए, पंजाब के कई जिलों में बाढ़ का हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है.

क्यों बने ऐसे हालात: इस खतरनाक स्थिति का मुख्य कारण हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ हफ्तों से हो रही लगातार और मूसलाधार बारिश है. पहाड़ों से भारी मात्रा में पानी बहकर नदियों के रास्ते भाखड़ा डैम में जमा हो रहा है.

पानी की आवक (Inflow): 55,000 क्यूसेक

पानी की निकासी (Outflow): 40,000 क्यूसेक

साफ है कि जितना पानी बांध से छोड़ा जा रहा है, उससे कहीं ज़्यादा पानी बांध में आ रहा है, जिससे जलस्तर लगातार बढ़ रहा है.

कभी भी खोले जा सकते हैं फ्लड गेट्स

BBMB के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. अगर पानी की आवक कम नहीं हुई, तो उनके पास बांध के फ्लड गेट्स (बाढ़ के समय इस्तेमाल होने वाले गेट) खोलने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा. अगर ऐसा होता है, तो सतलुज नदी और उससे जुड़ी नहरों में पानी का स्तर अचानक बढ़ जाएगा, जिससे पंजाब के कई निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है.

सूत्रों के मुताबिक, यह 45 साल में पहली बार है जब भाखड़ा डैम में जलस्तर इतना खतरनाक रूप से बढ़ा है.

इन जिलों पर है सबसे ज़्यादा खतरा

रोपड़, आनंदपुर साहिब और इनसे सटे कई अन्य जिलों के गांवों को अलर्ट पर रखा गया है. प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए तैयार रहने को कहा है.

अगले 24 से 48 घंटे पंजाब के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. अगर पहाड़ों में बारिश थमती है तो स्थिति नियंत्रण में आ सकती है, वरना एक बड़ी तबाही का खतरा दरवाजे पर दस्तक दे रहा है.

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