Up kiran,Digital Desk : रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को मुलाकात का न्योता न मिलने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। लेकिन इसके जवाब में, सोशल मीडिया पर बीजेपी समर्थकों और सरकार के खेमे ने राहुल गांधी के पुराने रिकॉर्ड को लेकर पलटवार किया है। आरोप लगाया जा रहा है कि राहुल गांधी ने खुद कई मौकों पर संवैधानिक पदों और राष्ट्रीय महत्व के कार्यक्रमों का सम्मान नहीं किया है, इसलिए उन्हें प्रोटोकॉल की दुहाई देने का नैतिक अधिकार नहीं है।
क्या हैं आरोप?
सरकार समर्थकों का कहना है कि राहुल गांधी के आचरण में संवैधानिक संस्थाओं के प्रति उपेक्षा का एक पैटर्न देखने को मिलता है। सोशल मीडिया पर गिनाए जा रहे कुछ उदाहरणों के मुताबिक:
- राष्ट्रीय पर्वों से दूरी: दावा है कि राहुल गांधी कई बार गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय समारोहों से अनुपस्थित रहे हैं। इसके अलावा, जब 'कर्तव्य पथ' का उद्घाटन हुआ, तो भी वे शामिल नहीं हुए।
- राष्ट्रपति और न्यायपालिका का सम्मान?: पुराने मामलों का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के संसदीय भाषण के दौरान कथित तौर पर फोन पर व्यस्त रहकर पद की गरिमा का ध्यान नहीं रखा। यही नहीं, देश के मुख्य न्यायाधीशों (CJI) के शपथ ग्रहण समारोह जैसे महत्वपूर्ण मौकों पर भी उनकी गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाए गए हैं।
- पार्टी के वरिष्ठ का सम्मान भी नहीं?
आलोचकों ने यह भी याद दिलाया कि जब उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को देश के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा जा रहा था, तब भी राहुल गांधी उस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे थे। - दलित सम्मान का मुद्दा: सामाजिक न्याय की बात करने वाले राहुल गांधी पर यह भी आरोप है कि जब देश के पहले दलित मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) हीरालाल सामरिया ने पदभार ग्रहण किया, तब भी वह उस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे।
"सम्मान जिम्मेदारी से मिलता है, हक से नहीं"
इन सभी घटनाओं का हवाला देते हुए सरकार समर्थकों का कहना है कि ये दिखाते हैं कि राहुल गांधी ने नेता प्रतिपक्ष के तौर पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को कई बार गंभीरता से नहीं लिया है। उनका तर्क है कि किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष से मिलने के प्रोटोकॉल की शिकायत करने से पहले, उन्हें अपने आचरण पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। सम्मान जिम्मेदारी निभाने से मिलता है, सिर्फ पद पर होने से नहीं।
_943543150_100x75.png)
_613774581_100x75.png)
_165040351_100x75.png)
_1602298716_100x75.png)
_1509998033_100x75.png)