
Up Kiran, Digital Desk: देश में फ्लैट मालिकों और रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के बीच मेंटेनेंस शुल्क पर लगने वाले जीएसटी (GST) को लेकर अक्सर भ्रम की स्थिति रहती है। इस भ्रम को दूर करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले पर राज्यसभा में महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण दिया है। उन्होंने बताया कि किस स्थिति में RWA को GST के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा और कब नहीं, साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी कब और किस राशि पर लागू होगा।
वित्त मंत्री के स्पष्टीकरण के अनुसार, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) को जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन तभी कराना होगा, जब उसकी कुल सालाना आय (टर्नओवर) 20 लाख रुपये से अधिक हो। इसके अलावा, जीएसटी तभी लागू होगा जब कोई अपार्टमेंट मालिक हर महीने मेंटेनेंस के लिए 7,500 रुपये से अधिक का भुगतान करता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जीएसटी केवल तभी लागू होगा जब दोनों शर्तें पूरी होती हों।
कब लगेगा GST? अगर RWA की सालाना आय 20 लाख रुपये से अधिक है।
और, यदि कोई सदस्य प्रति माह 7,500 रुपये से अधिक का रखरखाव शुल्क (मेंटेनेंस चार्ज) देता है।
महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण: वित्त मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि मासिक रखरखाव शुल्क 7,500 रुपये से अधिक है (उदाहरण के लिए 8,000 रुपये), तो जीएसटी पूरी 8,000 रुपये की राशि पर देय होगा, न कि केवल 7,500 रुपये से अधिक की राशि पर। यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है जो कई लोगों के बीच भ्रम पैदा करता था।
कब नहीं लगेगा GST? यदि RWA की सालाना आय 20 लाख रुपये या उससे कम है, तो उसे जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है और ऐसे में कोई जीएसटी नहीं लगेगा।
यदि कोई सदस्य प्रति माह 7,500 रुपये या उससे कम का रखरखाव शुल्क दे रहा है, तो उस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा, भले ही RWA की सालाना आय 20 लाख रुपये से अधिक हो।
RWA क्यों आते हैं GST के दायरे में? वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) अपने सदस्यों को अपार्टमेंट परिसर के रखरखाव, मरम्मत और अन्य सामान्य सुविधाओं के लिए सेवाएं प्रदान करती हैं। जीएसटी कानून के तहत, ऐसी सेवाएं जो सदस्यों को प्रतिफल (कन्सिडरेशन) के बदले प्रदान की जाती हैं, वे कर योग्य हैं। इसलिए, यह जीएसटी के दायरे में आती हैं, बशर्ते निर्धारित शर्तें पूरी होती हों।
--Advertisement--