Up Kiran, Digital Desk: भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक बहुत बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है! हमारे दो सबसे बड़े वैज्ञानिक संस्थान – वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) – एक ख़ास बैठक के लिए एक साथ आए हैं। इस बैठक का मुख्य मक़सद है भारत की 'मानव अंतरिक्ष उड़ान अनुसंधान' को तेज़ी से आगे बढ़ाना, ख़ासकर गहरे अंतरिक्ष (Deep-space) में मानव मिशन भेजने के सपने को साकार करना। यह खबर न सिर्फ़ विज्ञान प्रेमियों के लिए बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, क्योंकि यह देश को अंतरिक्ष में नई ऊँचाइयों पर ले जाने का एक मजबूत संकेत है।
दरअसल, सीएसआईआर और इसरो दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों में देश के लिए अमूल्य काम करते आए हैं। सीएसआईआर विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अलग-अलग क्षेत्रों में रिसर्च करता है, जबकि इसरो हमारे अंतरिक्ष अभियानों की अगुवाई करता है। जब ये दोनों ताकतें मिल जाएंगी, तो आप कल्पना कर सकते हैं कि इसका नतीजा कितना अद्भुत होगा! उनकी ये पार्टनरशिप खासकर 'मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम' को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, यानी अब सिर्फ मशीनें नहीं, हमारे वैज्ञानिक भी ब्रह्मांड में गहरे उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
यह साझेदारी सिर्फ टेक्नोलॉजी ट्रांसफर तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह वैज्ञानिक नवाचार (scientific innovation) को बढ़ावा देगी और 'गगनयान' जैसे भारत के प्रमुख मानव मिशन के लिए भी नए रास्ते खोलेगी। इसका मतलब है कि आने वाले समय में इसरो अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की तकनीक में और ज़्यादा महारत हासिल करेगा, और इस क्षेत्र में दुनिया के अग्रणी देशों में शामिल हो जाएगा।
यह कदम भारत को अंतरिक्ष विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में और मज़बूत बनाएगा। जब हमारे वैज्ञानिक मिलकर ऐसे बड़े और दूरगामी लक्ष्य तय करते हैं, तो यह सिर्फ अंतरिक्ष तक ही सीमित नहीं रहता, बल्कि इससे देश में नई-नई प्रौद्योगिकियां विकसित होती हैं, रोज़गार के नए अवसर पैदा होते हैं, और हमारे युवाओं को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। तो, अपनी सीट बेल्ट कस लीजिए, क्योंकि भारत अंतरिक्ष में एक और धमाकेदार छलांग लगाने को तैयार है!
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