Up Kiran, Digital Desk: आंध्र प्रदेश की सियासत और आर्थिक गलियारों में इन दिनों एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और टीडीपी प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने व्यापार और उद्योग के क्षेत्र के दिग्गज लोगों को एक बड़ा न्योता दिया है। उन्होंने कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (CII) पार्टनरशिप समिट में शामिल होने के लिए सभी बिज़नेस लीडर्स और उद्योगपतियों को विशाखापट्टनम आने का खुला निमंत्रण भेजा है। यह कदम आंध्र प्रदेश को निवेश और आर्थिक विकास के नए रास्ते पर ले जाने की एक बड़ी कोशिश मानी जा रही है।
चंद्रबाबू नायडू हमेशा से विकास-उन्मुखी नेता के रूप में जाने जाते रहे हैं, जिनका ध्यान नई टेक्नोलॉजी और निवेश आकर्षित करने पर रहता है। उन्होंने अतीत में भी आंध्र प्रदेश में कई बड़े प्रोजेक्ट्स और कंपनियों को लाने में अहम भूमिका निभाई है। इस बार भी, सीआईआई पार्टनरशिप समिट जैसे बड़े मंच पर उद्योगपतियों को बुलाना यह दिखाता है कि वे विशाखापट्टनम को एक प्रमुख व्यापारिक और निवेश हब के तौर पर विकसित करने का सपना देख रहे हैं।
उनकी तरफ से भेजे गए इस न्योते का सीधा सा मतलब है कि वे आंध्र प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देना चाहते हैं, जिससे राज्य में नए रोज़गार के अवसर पैदा हों और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिले। ऐसे सम्मेलनों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के उद्योगपति आते हैं, जहाँ वे निवेश के अवसरों की तलाश करते हैं। नायडू का यह प्रयास, एक तरफ जहां राज्य के विकास की बात करता है, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक रूप से भी इसका महत्व है, क्योंकि वे एक बार फिर राज्य की अर्थव्यवस्था के प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अपनी छवि बना रहे हैं।
विशाखापट्टनम को भारत के पूर्वी तट का एक महत्वपूर्ण शहर माना जाता है, जहाँ बंदरगाह (पोर्ट), प्राकृतिक संसाधन और कुशल श्रम बल मौजूद हैं। ऐसे में, यदि बड़े निवेश आते हैं तो यह शहर सचमुच आंध्र प्रदेश की आर्थिक तस्वीर बदल सकता है। अब देखना यह होगा कि नायडू के इस न्योते पर उद्योगपति कितनी रुचि दिखाते हैं और यह समिट आंध्र प्रदेश के लिए क्या नई संभावनाएँ खोलती है।
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