
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आगामी विधानसभा चुनाव 2025 से पहले एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हर महीने 12 लाख नौकरियों की दिशा में काम कर रही है। यही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर महीने 38 लाख लोगों को किसी न किसी रूप में रोजगार उपलब्ध कराया जाए।
यह बयान उन्होंने वैशाली महोत्सव के मंच से दिया, जहां वे मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि 2005 से 2020 के बीच, 15 वर्षों में करीब पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी गई है। अब सरकार इस गति को और तेज करना चाहती है ताकि युवाओं को बेहतर भविष्य मिल सके।
वैशाली के ऐतिहासिक महत्व की सराहना
अपने संबोधन में सम्राट चौधरी ने वैशाली की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को भी खूब सराहा। उन्होंने कहा कि यह धरती महावीर जैन और गौतम बुद्ध जैसी महान आत्माओं से जुड़ी रही है। इन दोनों महापुरुषों ने वैशाली को अपनी कर्मभूमि के रूप में अपनाया था। उन्होंने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार राज्य के ऐसे पवित्र स्थलों को धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित करने पर कार्य कर रही है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिल सके।
पर्यटन मंत्री ने वैशाली की महत्ता पर डाला प्रकाश
बिहार के पर्यटन मंत्री राजू कुमार सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि महावीर जयंती के मौके पर वैशाली महोत्सव का आयोजन होना बहुत ही सौभाग्य की बात है। उन्होंने याद दिलाया कि महावीर जैन तीन बार वैशाली आए थे और गौतम बुद्ध के भी चरण इस भूमि पर पड़े थे। उन्होंने सांची स्तूप का उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे सांची का स्तूप देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है, वैसे ही वैशाली को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का प्रयास जारी है।
तीन दिन तक चलेगा वैशाली महोत्सव
वैशाली महोत्सव की शुरुआत 10 अप्रैल से हुई थी और यह 12 अप्रैल तक चलेगा। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, लोक संगीत और मनोरंजन के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। पहले दिन मशहूर गायक बी प्राक ने अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
हालांकि कार्यक्रम के दौरान कुछ अव्यवस्थाएं भी देखने को मिलीं। जब बी प्राक का कार्यक्रम चल रहा था, उस समय वीआईपी बॉक्स में कई सीटें खाली थीं। यह देख कुछ आम लोग वीआईपी एरिया में घुसने की कोशिश करने लगे। जब पुलिस ने उन्हें रोका तो स्थिति बिगड़ गई और गुस्साई भीड़ ने 500 से ज्यादा कुर्सियों को तोड़ डाला। इस घटना के चलते आयोजकों को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।
इस घटनाक्रम से यह तो साफ है कि आयोजन भले ही भव्य रहा हो, लेकिन भीड़ नियंत्रण और व्यवस्थापन में कुछ चूक जरूर हुई। बावजूद इसके, वैशाली महोत्सव ने एक बार फिर यह साबित किया है कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान कितनी समृद्ध और जीवंत है।
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