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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे जैसे करीब आ रहा है, जिला प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है। पटना में चुनावी गतिविधियों को लेकर अब बेहद सतर्क निगरानी शुरू हो गई है। आम लोगों से लेकर प्रत्याशियों तक, हर किसी पर नजर रखी जा रही है , खासकर पैसों और कीमती सामान की आवाजाही पर।
नकद ले जा रहे हैं? तो रखें ये दस्तावेज वरना हो सकती है कार्रवाई
अगर आप शादी, इलाज या बिजनेस के सिलसिले में ₹50,000 से ज़्यादा नकद लेकर जा रहे हैं, तो सतर्क हो जाइए। पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने साफ कर दिया है कि बिना वैध कागजात के बड़ी रकम मिलने पर तुरंत जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। ऐसे में पहचान पत्र, बैंक से निकासी की पर्ची या पेमेंट से जुड़े अन्य सबूत साथ रखना जरूरी हो गया है।
हर उम्मीदवार को खोलना होगा नया बैंक खाता, खर्च सीमा तय
चुनाव आयोग ने प्रत्याशियों के लिए ₹40 लाख की खर्च सीमा तय की है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी उम्मीदवारों को नया बैंक खाता खोलना अनिवार्य किया गया है। हर एक लेन-देन इसी खाते से होना चाहिए ताकि हर खर्च का रिकॉर्ड सही तरीके से रखा जा सके और जांच में कोई परेशानी न हो।
10 हज़ार से ऊपर के हर लेन-देन पर रखी जाएगी पैनी नजर
प्रशासन ने चुनावी दौर में ₹10,000 से अधिक के हर भुगतान पर निगरानी रखने का फैसला किया है। इसका सीधा उद्देश्य यह है कि कोई भी प्रत्याशी या पार्टी धनबल के सहारे वोटों को प्रभावित न कर सके।
सिर्फ पैसे नहीं, सोना-चांदी भी रडार पर
अगर आपके पास ₹50,000 या उससे अधिक मूल्य के गहने हैं, तो भी कागजात दिखाना जरूरी होगा। वहीं यदि ज्वेलरी की कीमत ₹10 लाख रुपये से ज़्यादा पाई गई, तो इसकी जानकारी सीधे इनकम टैक्स विभाग को भेजी जाएगी। इससे अवैध संपत्ति की रोकथाम में मदद मिलेगी।
चप्पे चप्पे पर नजर: 32 चेकपोस्ट, 20 एजेंसियों की टीम तैनात
जिले में कुल 32 जगहों पर चेकपोस्ट बनाए गए हैं, जहां नकदी, शराब, नशीले पदार्थ, और जाली नोट जैसी चीजों की सख्त चेकिंग हो रही है। इसके अलावा 20 अलग-अलग एजेंसियां मिलकर इस पूरे अभियान पर काम कर रही हैं। पटना में 475 हॉटस्पॉट इलाकों को भी चिन्हित किया गया है, जहां अवैध गतिविधियों पर खास नजर है।
डीएम की अपील: डरें नहीं, नियमों का पालन करें
डीएम ने आम जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। अगर उनके पास वैध कारण और जरूरी दस्तावेज हैं, तो कोई परेशानी नहीं होगी। यदि किसी की राशि अस्थायी रूप से जब्त हो जाती है, तो जांच में सच्चाई साबित होने पर वह रकम वापस की जा सकती है।
क्यों जरूरी है ये सख्ती
चुनावों में निष्पक्षता बनाए रखने के लिए धनबल पर रोक लगाना जरूरी हो गया है। अक्सर चुनाव के दौरान कालेधन के इस्तेमाल की शिकायतें सामने आती हैं, जिससे लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है। यही वजह है कि प्रशासन इस बार पहले से ज़्यादा सजग और सख्त रुख अपनाए हुए है।