
Up Kiran, Digital Desk: मातृत्व का सुख हर महिला का सपना होता है, लेकिन कभी-कभी प्रकृति इसमें कुछ बाधाएं डाल देती है। ऐसे में आधुनिक विज्ञान, खासकर इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी तकनीकें, उन महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण बनकर सामने आई हैं, जो मां बनने का ख्वाब देखती हैं।
बॉलीवुड, जहां सब कुछ चमक-धमक और परफेक्शन का दिखता है, वहां भी कई जानी-मानी अभिनेत्रियों और निर्देशकों ने इस वैज्ञानिक तरीके को अपनाकर अपने मातृत्व के सपने को साकार किया है। इन्होंने न सिर्फ खुद को खुशियों से भरा, बल्कि समाज में IVF को लेकर बनी गलत धारणाओं और झिझक को तोड़ने में भी मदद की है।
आइए जानते हैं कुछ ऐसी बॉलीवुड हस्तियों के बारे में, जिन्होंने IVF का सहारा लेकर अपने घर में बच्चों की किलकारियां गूंजाईं:
फराह खान (Farah Khan) बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर और निर्देशक फराह खान ने 43 साल की उम्र में IVF का सहारा लिया और 2008 में तीन प्यारे बच्चों (एक बेटा और दो बेटियां) की मां बनीं। फराह ने कभी भी IVF के जरिए मां बनने की बात को छिपाया नहीं। उन्होंने खुलकर इस बारे में बात की है और कई बार कहा है कि अगर आज IVF नहीं होता तो वह कभी मां नहीं बन पातीं। उनकी कहानी उन महिलाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है जो देर से मां बनने की योजना बना रही हैं या फर्टिलिटी समस्याओं से जूझ रही हैं। उन्होंने साबित किया कि मां बनने की कोई उम्र नहीं होती और विज्ञान इसमें मददगार हो सकता है।
प्रीति जिंटा (Preity Zinta) बॉलीवुड की डिंपल गर्ल प्रीति जिंटा ने भी मातृत्व सुख पाने के लिए विज्ञान का सहारा लिया। शादी के कई सालों बाद, प्रीति और उनके पति जीन गुडइनफ 2021 में सरोगेसी के ज़रिए जुड़वां बच्चों (एक बेटा और एक बेटी) के माता-पिता बने। हालांकि उनकी गर्भावस्था सरोगेसी के माध्यम से हुई थी, लेकिन इसमें IVF तकनीक का भी इस्तेमाल होता है जहाँ भ्रूण को लैब में तैयार किया जाता है। प्रीति ने अपनी इस यात्रा को काफी निजी रखा, लेकिन उनके मां बनने की खबर ने उनके फैंस को बेहद खुश किया। उनकी कहानी भी यह दर्शाती है कि मातृत्व के लिए अब कई रास्ते खुले हैं।
IVF: सिर्फ एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि उम्मीद का प्रतीक
इन अभिनेत्रियों ने अपनी कहानियों से यह संदेश दिया है कि IVF जैसी तकनीकों को अपनाने में कोई शर्म या झिझक नहीं होनी चाहिए। यह सिर्फ एक मेडिकल प्रक्रिया नहीं, बल्कि लाखों जोड़ों के लिए उम्मीद का एक सशक्त प्रतीक है। यह समाज में निसंतानता (infertility) को एक गंभीर चिकित्सीय समस्या के रूप में देखने और उसके समाधान खोजने की दिशा में जागरूकता बढ़ाती है।
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