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Up Kiran, Digital Desk: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 9 साल की एक मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत और उसकी निर्मम हत्या की घटना ने पूरे प्रदेश को स्तब्ध कर दिया है। इस वीभत्स कांड को लेकर आम जनता में गहरा आक्रोश है और विपक्ष लगातार सरकार पर सवाल उठा रहा है। घटना में हुई गंभीर प्रशासनिक लापरवाही पर अब राज्य सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया है जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ अधिकारियों पर गाज गिरी है।
SKMCH अधीक्षक और PMCH प्रभारी उपाधीक्षक निलंबित
मंगलवार को सरकार ने श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (SKMCH) मुजफ्फरपुर की अधीक्षक डॉ. कुमारी विभा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। डॉ. कुमारी विभा को एक घायल बच्ची को रेफर करने के मामले में अपने कर्तव्यों में लापरवाही बरतने और तय नीति का पालन न करने का आरोप है। सरकार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि निलंबन की अवधि में उन्हें स्वास्थ्य विभाग पटना से अटैच किया गया है।
इसी क्रम में पटना मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (PMCH) के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ. अभिजीत सिंह को भी निलंबित कर दिया गया है। सरकार की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभाई जो उनकी प्रशासनिक विफलता को दर्शाता है। पीड़िता को उचित इलाज देने में प्रशासनिक स्तर पर गंभीर लापरवाही की गई जिसके चलते उसे अस्पताल के बाहर एंबुलेंस में ही घंटों इंतजार करना पड़ा।
क्या था पूरा मामला
यह कार्रवाई कुढ़नी की एक दुष्कर्म पीड़िता बालिका से संबंधित है जिसका गला कट जाने के कारण उसे गंभीर चोटें आई थीं। बच्ची को पहले SKMCH लाया गया था लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उसे पटना के PMCH रेफर कर दिया। आरोप है कि गंभीर रूप से घायल बच्ची को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी लेकिन रेफर करने की प्रक्रिया में घंटों का समय लग गया जिसके बाद उसने एंबुलेंस में ही दम तोड़ दिया।
विभाग का मानना है कि यदि मरीज का समय पर SKMCH में ही उचित इलाज किया गया होता तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। यह घटना 26 मई को हुई थी जब बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर आरोपी ने उसका गला और सीना चिर दिया था।
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