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Up Kiran, Digital Desk: बिहार में जर्जर पुलों का गिरना अब कोई नई बात नहीं रही। हर कुछ सप्ताह में किसी न किसी इलाके से पुल ध्वस्त होने की खबर सामने आ रही है जिससे न सिर्फ जनजीवन प्रभावित हो रहा है बल्कि प्रशासनिक सुस्ती पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। ताजा मामला सहरसा जिले के पतरघट प्रखंड के पामा गांव का है जहां बुधवार को एक पुराना पुल अचानक भरभराकर गिर गया।

ओवरलोड ट्रैक्टर ने ढहा दिया पुल

स्थानीय लोगों के मुताबिक घटना उस वक्त हुई जब एक मक्का से भरा ओवरलोड ट्रैक्टर पामा गांव के पुराने पुल से गुजर रहा था। जैसे ही ट्रैक्टर पुल पर चढ़ा एक बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया। ट्रैक्टर का अगला हिस्सा पुल में फंस गया हालांकि बड़ी राहत की बात यह रही कि कोई व्यक्ति इस हादसे में घायल नहीं हुआ।

संपर्क मार्ग पूरी तरह से बाधित

इस पुल के टूटने से पामा पीडब्ल्यूडी सड़क से पामा डिह टोला और एनएच-106 का संपर्क पूरी तरह कट गया है। ग्रामीणों को अब वैकल्पिक रास्तों से लंबा सफर तय करना पड़ रहा है जिससे स्कूल बाजार और अस्पताल जैसी आवश्यक सेवाओं तक पहुंच भी मुश्किल हो गई है।

पुल की उम्र और मरम्मत का अभाव बना कारण

स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह पुल करीब 20 से 25 साल पुराना था। क्षेत्रीय लोगों ने पहले भी इसकी हालत को लेकर प्रशासन को सूचित किया था मगर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हादसे ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में बुनियादी ढांचे की स्थिति बेहद चिंताजनक है।

मौके पर पहुंचे अधिकारी

पुल टूटने की जानकारी मिलते ही ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता संग्राम हेम्ब्रम और कनीय अभियंता प्रियंका कुमारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का मुआयना किया और शुरुआती जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही अस्थायी व्यवस्था कर आवागमन सुचारु करने का प्रयास किया जाएगा।

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