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Up Kiran, Digital Desk: बिहार की राजधानी पटना में सोमवार को आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम में जो हुआ, उसने न सिर्फ मंच पर मौजूद लोगों को चौंकाया बल्कि पूरे सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। ललित नारायण मिश्र संस्थान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक शिलान्यास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। वहां स्वागत के लिए परंपरा के तहत उन्हें एक गमला (पौधा) भेंट किया गया। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने गमले को सुर्खियों में ला दिया।
सीधे माथे पर गमला!
कार्यक्रम के मंच पर मुख्यमंत्री का स्वागत करने पहुंचे बिहार सरकार के कैबिनेट अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ जब गमला लेकर नीतीश कुमार के सामने आए, तो सीएम ने गमला लेने के बाद वो गमला तपाक से उनके माथे पर रख दिया। ये दृश्य मंच पर बैठे और सामने खड़े सभी लोगों के कैमरों में कैद हो गया और पल भर में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
नीतीश कुमार की यह हरकत कुछ लोगों को हास्यास्पद लगी, तो कुछ ने इसे गंभीर प्रोटोकॉल उल्लंघन और अपमानजनक माना। ट्विटर से लेकर व्हाट्सएप ग्रुप्स तक, इस पर मीम्स की बाढ़ आ गई। एक यूज़र ने लिखा— “नीतीश बाबू तो अब स्वागत का तरीका ही बदलने पर उतारू हैं।” वहीं एक अन्य ने टिप्पणी की— “भाई, पौधा दो या मत दो, माथे पर मत रखो।”
स्वागत में गमला देना: बिहार की अनूठी परंपरा
दरअसल, बिहार में बीते कुछ वर्षों से सरकारी कार्यक्रमों में गुलदस्ता (flower bouquet) की जगह गमले में पौधा देना एक प्रचलित परंपरा बन गई है। इसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना होता है। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार इस परंपरा की तारीफ़ कर चुके हैं।
लेकिन सोमवार को उनका वही गमला विरोध का प्रतीक बन गया। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या यह सीएम की तरफ से असहमति जताने का तरीका था या फिर यूँ ही एक लापरवाही भरा पल?
IAS अधिकारी की शांत प्रतिक्रिया
घटना के वक्त डॉ. एस सिद्धार्थ ने बिना किसी प्रतिक्रिया के गमले को लेकर पास खड़े एक कर्मचारी को सौंप दिया और मंच की औपचारिकता आगे बढ़ाई। इस संयमित रवैये की भी काफी सराहना हो रही है। मगर सवाल यह भी है कि क्या इस घटना को यूँ ही नज़रअंदाज़ कर देना चाहिए।
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