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भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने हाल ही में एक निजी इंटरव्यू में मानसिक स्वास्थ्य, तलाक और सार्वजनिक ट्रोलिंग से जुड़ी अपनी तकलीफों को साझा कर खेल और शोहरत के पीछे छिपे संघर्ष को सामने लाया है।
राज शमनी के यूट्यूब चैनल पर बातचीत में चहल ने खुलासा किया कि धनश्री वर्मा से तलाक की प्रक्रिया के दौरान उन्हें "धोखेबाज़" तक कहा गया, जबकि वह सिर्फ अपने रिश्ते को निजी रखना चाहते थे।
युजवेंद्र चहल ने कहका कि मैं अपनी जिंदगी से थक गया था। मैं 2 घंटे रोता था, 2 घंटे ही सोता था। यह 40-45 दिनों तक चला।
‘धोखेबाज़’ कहे जाने से टूटा मनोबल
2020 में शादी के बंधन में बंधे युजवेंद्र और धनश्री की जोड़ी को सोशल मीडिया पर 'पावर कपल' के रूप में देखा जाता था। लेकिन मार्च 2025 में दोनों का तलाक हो गया, जो धीरे-धीरे सार्वजनिक चर्चा का विषय बन गया। तलाक की खबरें सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर चहल को झूठे आरोपों और धोखाधड़ी के तमगों से नवाज़ा गया।
चहल कहते हैं कि मैंने अपने जीवन में कभी धोखा नहीं दिया। मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं। जब लोगों को सच्चाई नहीं पता होती लेकिन वे फिर भी आपको दोष देते हैं, तो आप कुछ और सोचना शुरू कर देते हैं।
यह सामाजिक दबाव और सार्वजनिक जांच इतनी तीव्र हो गई कि चहल के मुताबिक, वे मानसिक रूप से पूरी तरह टूट गए थे।
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ा गहरा असर
चहल के बयान चौंकाते हैं लेकिन जरूरी भी हैं। एक सक्रिय खिलाड़ी के तौर पर वे क्रिकेट में व्यस्त थे, लेकिन निजी जीवन में भावनात्मक रूप से खाली हो चुके थे।
उन्होंने कहा कि मेरे मन में आत्महत्या के विचार आते थे। मैं डर गया था। मैंने दोस्त से यह बात साझा की।
साथ रहना मुश्किल हो गया था
चहल ने बताया कि उनके और धनश्री दोनों के करियर ने उनके रिश्ते को एक जुनूनी लेकिन थका देने वाली राह पर डाल दिया था। रिश्ता समझौता होता है। लेकिन जब दो लोग अपने करियर में डूबे हों, तो संतुलन मुश्किल होता है।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि खुश होने का दिखावा करना भी उनके लिए थकाऊ बन गया था।