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Up Kiran, Digital Desk: चमोली जिले के ग्रामीण इलाकों में अब फूलों की महक के साथ लोगों की ज़िंदगी भी बदल रही है। खासकर लीलियम की खेती ने पहाड़ी किसानों के लिए आय का नया रास्ता खोल दिया है। पहले जहां इन गांवों में पारंपरिक खेती से सीमित आमदनी होती थी, अब वहीं लीलियम के सुंदर फूल किसानों को बेहतर मुनाफा दे रहे हैं।
24 हजार बल्ब से हुई शुरुआत, 12 किसानों को मिला मौका
दशोली ब्लॉक के रौली, मंडल, बैरागना और कोटेश्वर गांवों में 12 किसानों को लीलियम की खेती के लिए 24,000 बल्ब उपलब्ध कराए गए हैं। यह पहल उद्यान विभाग द्वारा की गई है, जिसमें जिला योजना के तहत फूलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।
पहले किया गया था ट्रायल, अब बड़े स्तर पर काम शुरू
मुख्य उद्यान अधिकारी नितेंद्र सिंह ने बताया कि बीते दो वर्षों में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर 16 किसानों के साथ लीलियम की खेती की गई थी। इसके उत्साहजनक नतीजे सामने आए, जिससे प्रेरित होकर इस साल बड़े पैमाने पर काम शुरू किया गया है।
19 लाख की योजना, 1 लाख बल्ब लगाने का टारगेट
इस साल विभाग ने लीलियम की खेती को बढ़ावा देने के लिए 19 लाख रुपये का बजट मंजूर किया है। कुल एक लाख बल्ब लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अब तक 32 किसानों को 50,000 बल्ब दिए जा चुके हैं।
तकनीक से लैस किसान, अब मार्केटिंग की भी तैयारी
सिर्फ बल्ब ही नहीं, किसानों को आधुनिक खेती की तकनीकी जानकारी भी दी जा रही है ताकि वे लीलियम की बेहतर पैदावार कर सकें। साथ ही, तैयार फूलों की बिक्री की व्यवस्था भी की जा रही है, जिससे किसानों को उचित दाम मिल सके और बाजार तक पहुंच बन सके।