
वाराणसी, जिसे काशी भी कहा जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। यहां की गंगा आरती विश्वभर में प्रसिद्ध है। हालांकि वाराणसी में कई घाट हैं, लेकिन गंगा आरती मुख्य रूप से दो घाटों पर होती है: दशाश्वमेध और अस्सी घाट।
दशाश्वमेध घाट:
दशाश्वमेध घाट वाराणसी का सबसे प्रमुख घाट है, जो काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित है। यहां की गंगा आरती 1991 से नियमित रूप से आयोजित की जा रही है। इस घाट पर हर शाम सूर्यास्त के बाद 45 मिनट तक भव्य आरती होती है, जिसमें दीपों की लौ और मंत्रोच्चारण से वातावरण भक्तिमय हो जाता है। यहां की आरती में हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं, और यह स्थल विदेशी पर्यटकों के बीच भी अत्यधिक लोकप्रिय है।
अस्सी घाट:
अस्सी घाट वाराणसी के दक्षिणी छोर पर स्थित है और यह घाट गंगा और अस्सी नदियों के संगम पर स्थित है। यहां की गंगा आरती भी विशेष महत्व रखती है, जो स्थानीय निवासियों और श्रद्धालुओं के बीच एकता और आस्था का प्रतीक है। अस्सी घाट पर आयोजित आरती में भी दीपों की जगमगाहट और मंत्रोच्चारण से वातावरण भक्तिमय हो जाता है।
अन्य घाटों पर गंगा आरती:
वाराणसी में अन्य घाटों पर भी गंगा आरती आयोजित होती है, जैसे कि केदार घाट, मणिकर्णिका घाट आदि। हालांकि इन घाटों पर आरती की संख्या सीमित होती है, लेकिन इनका भी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।
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