
इस साल की चारधाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 से शुरू हो रही है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं के लिए एक विशेष और आध्यात्मिक अनुभव होता है। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट सुबह 10:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इसके दो दिन बाद, यानी 2 मई को, केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 7 बजे तक खुल जाएंगे। बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे, जिससे चारधाम यात्रा का पूरा सिलसिला शुरू हो जाएगा।
चारधाम यात्रा को हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे 'छोटा चारधाम' या 'उत्तराखंड का चारधाम' भी कहा जाता है। यात्रा की शुरुआत आमतौर पर हरिद्वार और ऋषिकेश से होती है, और श्रद्धालु इसे या तो सड़क मार्ग से या हेलीकॉप्टर सेवा के जरिए तय करते हैं।
यात्रा से पहले जरूरी रजिस्ट्रेशन
चारधाम यात्रा शुरू करने से पहले हर श्रद्धालु को रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। यह रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन घर बैठे किया जा सकता है। खास बात यह है कि अब सिर्फ यात्रा का ही नहीं, बल्कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की पूजा का भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन उपलब्ध है, जिससे आप घर बैठे ही पूजा करवा सकते हैं।
ऑनलाइन पूजा की बुकिंग कहां करें?
जो लोग घर से ही केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम की पूजा करवाना चाहते हैं, उनके लिए बुकिंग 10 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। श्रद्धालु बदरी-केदार मंदिर समिति की आधिकारिक वेबसाइट badrinathkedarnath.gov.in पर जाकर ऑनलाइन पूजा की बुकिंग कर सकते हैं। बुकिंग के बाद आपके नाम से पूजा करवाई जाएगी और पूजा का प्रसाद आपके घर के पते पर भेजा जाएगा।
कौन-कौन सी पूजा करवाई जा सकती है?
केदारनाथ धाम में:
षोडशोपचार पूजा-अर्चना
रुद्राभिषेक
सायंकालीन आरती
बद्रीनाथ धाम में:
महाभिषेक और अभिषेक पूजा (ब्रह्म मुहूर्त में)
वेद पाठ
विष्णु सहस्त्रनामावली
सायंकालीन आरती
चांदी आरती
गीता पाठ
शयन आरती
ऑनलाइन बुकिंग कैसे करें?
पूजा बुक करने की प्रक्रिया बेहद सरल है:
सबसे पहले बदरी-केदार समिति की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।
वहां खुद को रजिस्टर करें।
फिर लॉगिन कर के पूजा, पाठ, भोग आदि का विकल्प चुनें।
जिस व्यक्ति के नाम से पूजा करानी है, उसका विवरण भरें।
अंत में ऑनलाइन फीस जमा करें और रसीद डाउनलोड कर लें।
इस तरह आप घर बैठे ईश्वर की पूजा कर सकते हैं और धाम का प्रसाद भी पा सकते हैं।
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