
Up Kiran, Digital Desk: ओडिशा इस समय मानसून (Monsoon Odisha) की भीषण मार झेल रहा है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण राज्य की प्रमुख नदियों, खासकर सुबर्णरेखा (Subarnarekha River), बैतरणी (Baitarani River), ब्राह्मणी (Brahmani River) और महानदी (Mahanadi River) में उफान आ गया है, जिससे कई जिले बाढ़ की चपेट (Odisha Flood Affected Areas) में आ गए हैं। इस विकट स्थिति का जायजा लेने और राहत कार्यों की समीक्षा के लिए, ओडिशा के नव नियुक्त मुख्यमंत्री माझी (CM Majhi) ने स्वयं मोर्चा संभाला और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों (Flood Hit Areas Odisha) का हवाई सर्वेक्षण (Aerial Survey Odisha) किया। यह दौरा राज्य सरकार की आपदा प्रतिक्रिया (Disaster Response Odisha) और जन कल्याण (Public Welfare Odisha) के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बाढ़ का भयावह मंज़र और प्रभावित जिले: लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बालेश्वर (Balasore), भद्रक (Bhadrak), जाजपुर (Jajpur) और क्योंझर (Keonjhar) जैसे जिलों में गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। खेतों में खड़ी फसलें पानी में डूब गई हैं, ग्रामीण इलाकों में सड़कें कट गई हैं और कई गांवों का संपर्क टूट गया है। हजारों लोग विस्थापित (Displaced by Floods) हो गए हैं और उन्हें अस्थायी राहत शिविरों (Relief Camps Odisha) में शरण लेनी पड़ी है। जलस्तर लगातार बढ़ने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यह 'जल प्रलय' का एक ऐसा मनहूस मंज़र है, जिसने ओडिशा के जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है।
मुख्यमंत्री का त्वरित एक्शन: हवाई सर्वेक्षण का महत्व:मुख्यमंत्री माझी ने इस संकट की घड़ी में त्वरित और निर्णायक का र्रवाई की है। हवाई सर्वेक्षण (Aerial Survey) का उद्देश्य जमीनी हकीकत को सीधे अपनी आंखों से देखना था, जो रिपोर्टों या आंकड़ों से कहीं बेहतर होता है। इस सर्वेक्षण से उन्हें बाढ़ की गंभीरता, जलभराव की सीमा, प्रभावित गांवों की संख्या और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान (Infrastructure Damage Odisha) का वास्तविक आकलन करने में मदद मिली। यह कदम दर्शाता है कि नई सरकार संकट के समय कितनी संवेदनशील और सक्रिय है। यह मुख्यमंत्री के लिए भी एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह उनकी नई पारी की शुरुआती "अग्निपरीक्षा" मानी जा रही है।
राहत और बचाव कार्य में तेज़ी: मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण के बाद संबंधित अधिकारियों को तत्काल राहत कार्यों (Flood Relief Odisha) में तेज़ी लाने और विस्थापितों तक हर संभव सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। एनडीआरएफ (NDRF) और ओडीआरएफ (ODRF) की टीमें लगातार बचाव अभियान (Rescue Operations Odisha) चला रही हैं। प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक रसोई (Community Kitchens) स्थापित की गई हैं ताकि लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके, और चिकित्सा शिविर (Medical Camps Odisha) भी लगाए गए हैं ताकि स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों को पूरा किया जा सके। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि कोई भी व्यक्ति भोजन, पानी या आश्रय से वंचित न रहे।
आगे की चुनौतियां और दीर्घकालिक समाधान: मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और अधिक बारिश की चेतावनी दी है, जिससे स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में, आपदा प्रबंधन (Disaster Management Odisha) एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री माझी की सरकार केवल तात्कालिक राहत तक सीमित नहीं है, बल्कि वह भविष्य की बाढ़ से निपटने के लिए दीर्घकालिक समाधान पर भी विचार कर रही है।
इसमें नदियों के तटबंधों को मजबूत करना (River Embankment Strengthening), जल निकासी प्रणाली में सुधार (Drainage System Improvement), और एक प्रभावी पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning System) विकसित करना शामिल हो सकता है। यह कदम जलवायु परिवर्तन अनुकूलन (Climate Change Adaptation) और सतत विकास ओडिशा (Sustainable Development Odisha) की दिशा में भी महत्वपूर्ण है।
ओडिशा के लोगों को मुख्यमंत्री माझी के इस सक्रिय दृष्टिकोण से काफी उम्मीदें हैं। यह बाढ़ का संकट एक बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार का दृढ़ संकल्प और प्रभावी प्रतिक्रिया निश्चित रूप से राज्य को इस आपदा से उबरने में मदद करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं के प्रभाव को कम करने के लिए एक मजबूत नींव रखेगी। यह ओडिशा के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है, जहाँ जन कल्याण और आपदा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी
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