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Up Kiran, Digital News: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयर फोर्स (PLAAF) ने उन खबरों का सख्ती से खंडन किया है जिनमें दावा किया गया था कि उसका सबसे बड़ा सैन्य परिवहन विमान शीआन वाई-20 (Xi’an Y-20) पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने गया था। सोमवार को चीनी रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर जारी बयान में ऐसे दावों को "झूठा और भ्रामक" बताया गया और कहा गया कि इस प्रकार की अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
PLAAF ने इंटरनेट पर फैल रही तस्वीरों और मैसेजों के स्क्रीनशॉट साझा किए, जिनमें वाई-20 विमान को पाकिस्तान में राहत सामग्री या हथियार पहुंचाते हुए दिखाया गया था। इन सभी स्क्रीनशॉट्स को लाल अक्षरों में ‘अफवाह’ कहकर चिन्हित किया गया। चीन ने दो टूक कहा, "इंटरनेट कानून से परे नहीं है। जो लोग सैन्य-संबंधी अफवाहें फैलाते हैं, उन्हें कानूनी रूप से जिम्मेदार ठहराया जाएगा।"
पृष्ठभूमि: भारत-पाकिस्तान तनाव और चीन की भूमिका
इस बयान का समय काफी अहम है। दो दिन पहले ही भारत और पाकिस्तान के बीच सभी प्रकार की सैन्य कार्रवाइयां और गोलीबारी रोकने पर सहमति बनी थी। इसके बीच चीन की यह प्रतिक्रिया, क्षेत्रीय रणनीतिक समीकरणों में उसकी भूमिका को रेखांकित करती है।
हाल ही में भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से सैन्य प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। इस संदर्भ में चीन का यह खंडन काफी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि दोनों देशों—चीन और पाकिस्तान—के बीच लंबे समय से रणनीतिक साझेदारी रही है।
हथियार आपूर्ति पर चीन-पाकिस्तान का गठजोड़
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 से 2024 के बीच पाकिस्तान की 81% हथियार खरीद चीन से हुई है। इनमें आधुनिक लड़ाकू विमान, रडार, नौसैनिक पोत, पनडुब्बियां और मिसाइलें शामिल हैं।
विशेष ध्यान देने योग्य तथ्य यह है कि दोनों देश संयुक्त रूप से JF-17 ‘थंडर’ लड़ाकू विमान का निर्माण करते हैं, जो पाकिस्तान वायु सेना की रीढ़ बन चुका है।
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