
Up Kiran, Digital Desk: अमेरिका द्वारा लगाए गए बढ़ते टैरिफ (tariffs) और घरेलू विकास दर में सुस्ती के बीच, चीन की प्रमुख कंपनियां अब 'ग्लोबल साउथ' (Global South) यानी विकासशील देशों की ओर रुख कर रही हैं। S&P ग्लोबल की नवीनतम रिपोर्ट, जिसका शीर्षक 'Age Of Tariffs' में चीन इंक का ग्लोबल साउथ की ओरगमन है, के अनुसार यह प्रवृत्ति 2018 से तेजी से बढ़ी है।
चीन का 'ग्लोबल साउथ' से बढ़ता व्यापार और निवेश
S&P ग्लोबल रेटिंग्स के ग्रेटर चाइना कंट्री लीड (कॉर्पोरेट्स) चार्ल्स चांग के अनुसार, "चीन और ग्लोबल साउथ के बीच व्यापार तेजी से बढ़ रहा है।" उन्होंने बताया कि चीन अब अमेरिका और पश्चिमी यूरोप को मिलाकर होने वाले कुल निर्यात (1 ट्रिलियन डॉलर) से 50 प्रतिशत से अधिक का निर्यात ग्लोबल साउथ क्षेत्रों में कर रहा है, जिसका कुल मूल्य 1.6 ट्रिलियन डॉलर है।
चांग ने कहा, "बढ़ता व्यापार और निवेश इन बाजारों में चीनी कंपनियों की पहुंच को सुरक्षित करने में मदद कर रहा है।" औसतन, ग्लोबल साउथ के शीर्ष 20 व्यापारिक भागीदारों के साथ चीन का व्यापार इन देशों के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 20 प्रतिशत है।
रणनीतिक निवेश: उत्पादन से लेकर बाजार विकास तक
चांग ने आगे कहा, "ये निवेश महत्वपूर्ण निष्पादन जोखिम (execution risks) लाते हैं, लेकिन ये संभवतः जारी रहेंगे - न केवल नई लेवी (करों) से बचने या संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए, बल्कि अंतिम बाजारों को विकसित करने और अमेरिकी बिक्री पर निर्भरता कम करने के लिए भी।"
इस बदलाव का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि चीनी कंपनियां केवल वस्तुओं को ग्लोबल साउथ के माध्यम से पुन: निर्यात के लिए नहीं भेज रही हैं, बल्कि वे स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं में निवेश करके वहीं उत्पादन भी कर रही हैं। उदाहरण के लिए, दक्षिण पूर्व एशिया के चार सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में चीनी कंपनियों के निवेश पिछले दशक में बढ़कर औसतन 8.8 बिलियन डॉलर सालाना हो गया है।
'ग्लोबल साउथ' का बढ़ता महत्व और चीन की रणनीति
नई टैरिफ नीतियों ने चीनी कंपनियों को उन बाजारों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया है जो सहायक नीतियों या चीन के साथ गहरे वाणिज्यिक संबंधों जैसे 'पुल फैक्टर' (pull factors) प्रदान करते हैं। हाल ही में बीजिंग ने कहा है कि वह 'ग्लोबल साउथ' के उदय को "विकास का भविष्य" मानता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह दृष्टिकोण कई प्रमुख चीनी कंपनियों की मूल रणनीतियों और योजनाओं में परिलक्षित होता है।
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