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Up Kiran, Digital Desk: लोकसभा चुनावों से पहले देश में सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। मतदाता सूची में कथित हेरफेर के विपक्षी आरोपों पर केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए साफ कहा कि जब प्रक्रिया अभी अधूरी है, तो आंकड़ों के नाम पर अफवाहें कैसे उड़ाई जा रही हैं?
अब तक तो मतदाता सूची तैयार ही नहीं हुई
पटना में मीडिया से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने विपक्ष की उस दलील को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया है कि लाखों मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए हैं। चिराग ने तंज करते हुए कहा, "जब अभी मतदाता सूची का काम ही पूरा नहीं हुआ, तो ये कैसे दावा कर रहे हैं कि 30 या 35 लाख नाम काट दिए गए? इनके पास ये आंकड़े आते कहां से हैं?"
उन्होंने आगे कहा कि वे स्वयं भी गांव-देहात और गरीब तबके से जुड़े हुए हैं और उनकी पार्टी के बूथ लेवल एजेंट (BLA) पूरी सक्रियता के साथ लोगों की मदद कर रहे हैं। अगर किसी राजनीतिक दल का कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर मतदाताओं से संपर्क नहीं कर पा रहा, तो इसका दोष हमारे कार्यकर्ताओं पर क्यों मढ़ा जाए? हम ज़मीनी हकीकत से वाकिफ हैं।
चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर जताया भरोसा
चिराग पासवान ने चुनाव आयोग की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आयोग निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से काम कर रहा है। अगर हमें लगता कि कहीं कोई गड़बड़ी है, तो मैं और मेरी पार्टी सबसे पहले सवाल उठाते। हम वही लोग हैं जो अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज़ उठाने से पीछे नहीं हटते।" उन्होंने साफ कहा कि जब तक कोई ठोस सबूत सामने नहीं आता, तब तक आयोग पर सवाल खड़ा करना गलत है।
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