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Up Kiran, Digital Desk: श्रीलंका ने ज़िम्बाब्वे के खिलाफ वनडे सीरीज़ 2-0 से अपने नाम कर ली है, और इस जीत का सबसे बड़ा श्रेय सलामी बल्लेबाज पाथुम निसांका की शानदार बल्लेबाज़ी को जाता है। कप्तान चरित असलांका ने निसांका के प्रदर्शन की जमकर तारीफ की और कहा कि टीम ने केवल बुनियादी बातों पर फोकस रखा, जिससे उन्हें सफलता मिली।

पाथुम निसांका की 'क्लासिक' वापसी

हाल के कुछ मुकाबलों में संघर्ष कर रहे पाथुम निसांका ने इस बार पूरी लय में नज़र आए। उन्होंने 136 गेंदों में 16 चौकों की मदद से 122 रन की बेहतरीन पारी खेली। यह उनका सातवां वनडे शतक था, जो पहले मुकाबले में बनाए गए 76 रनों की उपयोगी पारी के बाद आया। इस पारी ने उन्हें पूरी सीरीज़ का सबसे सफल खिलाड़ी बना दिया।

निसांका ने मैच के बाद कहा, "काफ़ी समय से मैं एकदिवसीय क्रिकेट में रन नहीं बना पा रहा था, इसलिए इस पारी से आत्मविश्वास लौटा। पावरप्ले में बल्लेबाज़ी करना आसान नहीं था, ज़िम्बाब्वे के गेंदबाज़ों ने सटीक लाइन लेंथ रखी, लेकिन मैंने खुद पर भरोसा बनाए रखा।"

कप्तान असलांका की फिनिशिंग पारी

निसांका के आउट होने के बाद कप्तान चरित असलांका ने मोर्चा संभाला और 61 गेंदों पर 71 रनों की तेज़ पारी खेली। उन्होंने टीम को जीत की ओर ले जाने में अहम योगदान दिया। कप्तान ने बताया कि उन्होंने अपने खिलाड़ियों को कम जोखिम लेकर खेल में बने रहने की सलाह दी थी।

असलांका ने कहा कि हमारे युवा खिलाड़ी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। मैंने उनसे कहा था कि जोखिम से बचें लेकिन रन बनाने का इरादा बरकरार रखें। और उन्होंने बिल्कुल वैसा ही किया।

ज़िम्बाब्वे ने गंवाए मौके

दूसरी ओर, ज़िम्बाब्वे के सीनियर खिलाड़ी सीन विलियम्स ने माना कि उनकी टीम ने कुछ ऐसे मौके गंवा दिए, जो मैच का रुख बदल सकते थे। उन्होंने कहा, "अगर हम बीच के ओवरों में ज़्यादा आक्रामक होते, तो नतीजा कुछ और हो सकता था। छोटे-छोटे मौके कभी-कभी बड़ा असर डालते हैं।"

श्रीलंका ने तोड़ा विदेशी जीत का सूखा

यह जीत श्रीलंका के लिए खास है क्योंकि 2019 में स्कॉटलैंड को हराने के बाद यह उनकी पहली विदेशी वनडे सीरीज़ जीत है। लंबे समय बाद विदेशी धरती पर सफलता ने टीम का मनोबल बढ़ाया है। अब दोनों टीमें 3 सितंबर से शुरू होने वाली तीन टी20 मैचों की सीरीज़ की तैयारी में जुट गई हैं।

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