
Up Kiran, Digital Desk: भारतीय रेलवे (Indian Railways) में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण (environment protection) की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने बुधवार को लोकसभा (Lok Sabha) में जानकारी दी कि यात्रियों को ले जाने वाले सभी मुख्यधारा के कोच (all mainline coaches) बायोटॉयलेट (bio-toilets) से लैस कर दिए गए हैं, जिससे मानव अपशिष्ट (human waste) के कारण रेल फिटिंग (rail fittings) के क्षरण को रोका जा सका है. यह स्वच्छ भारत अभियान (Swachh Bharat Abhiyan) और आधुनिक रेलवे (modern railways) की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है.
मानव अपशिष्ट से ट्रैक को मुक्ति! रेल मंत्री बोले - भारतीय रेल 'जीरो-डिस्चार्ज' सिस्टम पर काम कर रही
ट्रेनों में बायोटॉयलेट (bio-toilets in trains) लगाने संबंधी सवालों के लिखित जवाब में, अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे ने रेलवे पटरियों (railway tracks) पर मानव अपशिष्ट के सीधे निर्वहन को खत्म करने और स्वच्छता व साफ-सफाई (hygiene and cleanliness) में सुधार के लिए अपने डिब्बों के लिए 'जीरो-डिस्चार्ज बायोटॉयलेट सिस्टम' (zero-discharge bio-toilet system) अपनाया है. यह प्रणाली बायोडिग्रेडर (biodegraders) का उपयोग करती है जो मानव अपशिष्ट को पानी और अहानिकारक गैसों (harmless gases) में परिवर्तित करती है, जिससे पर्यावरण पर नकारात्मक प्रभाव (negative environmental impact) कम होता है.
मंत्री ने कहा, "भारतीय रेलवे द्वारा इस कार्य को मिशन मोड (mission mode) में लिया गया है." उन्होंने यह भी जोड़ा, "वर्तमान में, शौचालय से लैस सभी यात्री-ढोने वाले मुख्यधारा के डिब्बों में बायोटॉयलेट की सुविधा प्रदान की गई है. इससे मानव अपशिष्ट के कारण रेल फिटिंग के क्षरण (corrosion of rail fittings) को भी रोका जा सका है."
34 गुना ज़्यादा बायोटॉयलेट! 'नया भारत' अब स्वच्छता में भी अव्वल, 2014 के बाद हुई ये क्रांति
2004-2014 और 2014-2025 के बीच की तुलना करते हुए, वैष्णव ने बताया कि जहां 2004 से 2014 के बीच केवल 9,587 कोचों में बायोटॉयलेट लगाए गए थे, वहीं 2014 से 2025 के बीच 3,33,191 (34 गुना से अधिक) कोचों में ऐसी सुविधा प्रदान की गई है. यह संख्या रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट (railway infrastructure development) और पर्यावरण-अनुकूल पहल (eco-friendly initiatives) में केंद्र सरकार की 'बढ़ती प्रतिबद्धता' (increased commitment) को दर्शाती है.
मंत्री ने कहा, "बायोटॉयलेट की उचित कार्यप्रणाली (proper functionality) सुनिश्चित करने के लिए, 'स्वच्छ भारत अभियान' (Swachh Bharat Abhiyan) के दौरान हर साल एक जागरूकता अभियान (awareness campaign) शुरू किया जाता है ताकि सभी यात्रियों को डिब्बों और शौचालयों की स्वच्छता के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके." उन्होंने यात्रियों के बीच बायोटॉयलेट की कार्यप्रणाली और सफाई के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए किए गए कई कार्यों को भी सूचीबद्ध किया, ताकि गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे (non-biodegradable waste) के कारण होने वाली रुकावट को रोका जा सके. इन अभियानों से 'रेलवे स्वच्छता' (railway cleanliness) को बनाए रखने में यात्रियों की भागीदारी भी बढ़ती है.
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