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Up Kiran, Digital Desk: भारत सरकार का वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय हाल ही में निर्यात बढ़ाने और देश में बड़े निवेश परियोजनाओं को गति देने के लिए एक अत्यधिक सक्रिय सप्ताह में जुटा रहा। मंत्रालय ने विभिन्न हितधारकों के साथ गहन चर्चाएं कीं और कई महत्वपूर्ण पहलों की समीक्षा की, जिनका उद्देश्य भारत को वैश्विक विनिर्माण और निर्यात केंद्र बनाना है।

इस सप्ताह के एजेंडे में नए और उभरते क्षेत्रों में निर्यात को बढ़ावा देना, विदेशी निवेश आकर्षित करना और देश में चल रही प्रमुख परियोजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति का आकलन करना शामिल था। मंत्रालय ने व्यापारिक समुदाय और नीति निर्माताओं के बीच समन्वय स्थापित करने पर विशेष ध्यान दिया, ताकि वैश्विक बाजार में भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाई जा सके।

उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति (NLP) और 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' जैसी पहलें प्रमुख चर्चा का विषय रहीं। मंत्रालय ने इन योजनाओं की प्रभावकारिता की समीक्षा की और उन्हें और अधिक सुदृढ़ बनाने के तरीकों पर विचार किया। इसके अतिरिक्त, 'स्टार्टअप इंडिया', 'मेक इन इंडिया' और 'ब्रांड इंडिया' जैसे कार्यक्रमों को और मजबूत करने पर भी जोर दिया गया ताकि भारतीय उत्पादों और सेवाओं की वैश्विक पहचान बन सके।

मंत्रालय के अधिकारियों ने उद्योग जगत के नेताओं, निर्यात संवर्धन परिषदों और अन्य संबंधित निकायों के साथ कई बैठकें कीं ताकि जमीनी स्तर पर चुनौतियों को समझा जा सके और समाधान निकाले जा सकें। इन प्रयासों का लक्ष्य भारत की निर्यात क्षमता को बढ़ाना, निवेश के अनुकूल माहौल बनाना और देश की आर्थिक वृद्धि को गति देना है, जिससे अंततः रोजगार के अवसर बढ़ें और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिले।

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