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Up Kiran, Digital Desk: 12 जून की दोपहर भारत के विमानन इतिहास में एक और काली तारीख बन गई, जब एक नियमित उड़ान अनहोनी का शिकार हो गई। एयर इंडिया की एक बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, जिसे सुरक्षित और अत्याधुनिक तकनीक का प्रतीक माना जाता है, अचानक तकनीकी खराबी के चलते अहमदाबाद के एक रिहायशी इलाके पर गिर पड़ा। हादसे की भयावहता इतनी थी कि पूरे देश में शोक और चिंता की लहर दौड़ गई।

इस त्रासदी में 241 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हुए। हादसे की खबर फैलते ही स्थानीय प्रशासन, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल (NDRF) और एयर इंडिया की टीमें तुरंत मौके पर पहुंच गईं। राहत और बचाव कार्य तेज़ी से शुरू किया गया।

प्रभावितों के लिए मुआवज़ा और सहायता

टाटा समूह, जो वर्तमान में एयर इंडिया का संचालन कर रहा है, ने मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। समूह ने प्रति मृतक परिजन को एक करोड़ रुपये का मुआवज़ा देने की बात कही। इसके अतिरिक्त एयर इंडिया ने अपनी बीमा नीति और नियमों के तहत अलग से मुआवज़ा निर्धारित किया है।

बीमा प्रणाली की बारीकियां

इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद स्वाभाविक है कि यह सवाल उठे कि एयरलाइन को बीमा कंपनियों से कितना मुआवज़ा मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, विमान हादसों में बीमा क्लेम कई श्रेणियों में किया जाता है:

विमान हुल इंश्योरेंस: विमान की कुल क्षति पर आधारित होता है, जो उसकी घोषित बाजार कीमत पर तय होता है।

स्पेयर पार्ट्स बीमा: तकनीकी और यांत्रिक हिस्सों के नुकसान की भरपाई के लिए होता है।

कानूनी दायित्व बीमा: यात्रियों, कर्मचारियों और बाहरी पक्षों को हुए नुकसान की जिम्मेदारी इसमें आती है।

बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की अनुमानित बाजार कीमत 211 से 280 मिलियन डॉलर (लगभग ₹2,400 करोड़) के बीच होती है। इस हिसाब से अगर विमान पूरी तरह से नष्ट हो जाए, तो बीमा कंपनियों से मिलने वाला क्लेम इसी मूल्य के आसपास होता है।

थर्ड पार्टी क्षति की भी होगी भरपाई

विमान के घनी आबादी वाले क्षेत्र में गिरने के कारण न सिर्फ यात्रियों की जान गई, बल्कि कई मकान और निजी संपत्तियां भी क्षतिग्रस्त हुईं। बीमा कंपनियां ऐसे मामलों में स्थानीय प्रशासन की रिपोर्ट और स्वतंत्र एजेंसियों के आकलन के आधार पर तीसरे पक्ष को हुए नुकसान की भरपाई भी करती हैं।

क्लेम की अनुमानित राशि

विमान उद्योग से जुड़े जानकारों का मानना है कि इस प्रकार की दुर्घटनाओं में एयरलाइन को कुल मिलाकर सैकड़ों करोड़ रुपये का बीमा क्लेम मिल सकता है। एयर इंडिया के इस हादसे के संदर्भ में अनुमान लगाया जा रहा है कि बीमा राशि $211–280 मिलियन (करीब ₹2,400 करोड़) तक हो सकती है।

क्लेम प्रक्रिया और आगे की योजना

फिलहाल बीमा कंपनियां घटना की विस्तृत रिपोर्ट, यात्री सूची, नुकसान का तकनीकी आकलन और कानूनी दस्तावेजों के आधार पर क्लेम प्रोसेस कर रही हैं। दूसरी ओर, टाटा समूह और एयर इंडिया, राहत कार्यों को प्राथमिकता देते हुए पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करने में लगे हुए हैं।

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