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कोरोना वैक्सीन को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है। कई लोगों का मानना ​​है कि कोरोना के टीके से हार्ट अटैक होता है। इसलिए कई नागरिक डर के मारे कोविड-19 वैक्सीन नहीं लेते हैं। देश के नागरिकों में इस भ्रम को दूर करने के लिए ICMR ने रिसर्च शुरू कर दी है।

इस संबंध में आंकड़े जुटाने का काम चल रहा है। इसके पीछे मुख्य मकसद लोगों में यह डर दूर करना है कि कोरोना वैक्सीन से हार्ट अटैक होगा।

एक समय था जब देश में कोरोना की वैक्सीन तैयार होने का लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जब बाजार में कोरोना की वैक्सीन आई तो उसे लेने की होड़ मच गई.. आज कोरोना की वैक्सीन बहुतायत में और कम कीमत में उपलब्ध है। लेकिन वैक्सीन को लेकर तरह-तरह की शंकाएं पैदा होती हैं। इसलिए आईसीएमआर ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर लोगों में डर को दूर करने की पहल की है।

बूस्टर खुराक पर एक नया अध्ययन

बूस्टर डोज को लेकर एक नई स्टडी सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि बूस्टर डोज सुरक्षित है या नहीं। साथ ही बूस्टर डोज हमारे शरीर को कैसे प्रभावित करता है? यह दावा रिसर्च में भी किया गया है। बूस्टर डोज को लेकर यह स्टडी तेल अवीव यूनिवर्सिटी ने इजराइल के करीब 5 हजार लोगों पर की थी। अध्ययन विज्ञान पत्रिका लांसेट में प्रकाशित हुआ था। स्टडी के दौरान लोगों को स्मार्टवॉच पहनाई गई और उसके बाद डेटा कलेक्ट किया गया। तेल अवीव विश्वविद्यालय द्वारा किए गए एक अध्ययन में बूस्टर खुराक को सुरक्षित बताया गया है।

 

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