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Up Kiran, Digital Desk: गुरुग्राम की सड़कों पर ट्रैफिक जाम एक आम समस्या बन चुकी है। खासकर हीरो होंडा चौक से उमंग भारद्वाज चौक तक का इलाका रोजाना हजारों वाहनों की आवाजाही से जूझता है। लेकिन अब गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (GMDA) ने इस मार्ग के रेनोवेशन की योजना को प्राथमिक मंजूरी दे दी है। क्या यह योजना गुरुग्राम की ट्रैफिक समस्या का समाधान बनेगी? आइए जानते हैं इस परियोजना से जुड़ी हर अहम जानकारी।
दो फ्लाईओवर के साथ बदलेगा सड़क का चेहरा
इस करीब 3 किलोमीटर लंबी सड़क पर दो प्रमुख फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। पहला फ्लाईओवर हीरो होंडा चौक अंडरपास से शुरू होकर सेक्टर-10 के बिजलीघर के पास उतरेगा। वहीं, दूसरा फ्लाईओवर लगभग 300 मीटर बाद उमंग भारद्वाज चौक से शुरू होगा। दोनों फ्लाईओवर को तीन-तीन लेन का बनाया जाएगा, जिससे ट्रैफिक को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा सेक्टर-37 कट पर यू-टर्न और हीरो होंडा चौक के लिए नया मोड़ भी प्रस्तावित है।
खास डिजाइन NHAI द्वारा तैयार
इस सड़क का संपूर्ण डिजाइन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने तैयार किया है। पहले इसे पूरी तरह एलिवेटेड बनाने की योजना थी, लेकिन लागत अधिक होने के कारण इसे बदल दिया गया। अब सिर्फ अहम जंक्शनों पर फ्लाईओवर बनेंगे। दो महीने पहले केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के निर्देश पर खांडसा और सेक्टर-37सी पर भी फ्लाईओवर जोड़े गए हैं, जिनकी ऊंचाई लगभग 3.5 से 4.5 मीटर होगी।
मकान और दुकानें बन रही हैं बाधा
सड़क निर्माण में सबसे बड़ी अड़चन सरस्वती एंक्लेव और कादीपुर एंक्लेव के आठ मकान और खांडसा के पास एक मिठाई की दुकान बन रही है। यह मामला फिलहाल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है। NHAI ने अदालत में इस सड़क की आवश्यकता को स्पष्ट रूप से रखा है और जल्द फैसले की उम्मीद की जा रही है।
सीवर की समस्या बनी चुनौती
गांव मोहम्मदपुर झाड़सा और खांडसा से आने वाला सीवर का पानी भी इस परियोजना के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। खासकर बीकानेर मिष्ठान भंडार के आसपास बिना बारिश के भी सड़क पर पानी जमा हो जाता है, जिससे निर्माण कार्य में बाधा आती है।
सड़क की मौजूदा हालत खराब
इस सड़क की मौजूदा हालत बेहद खराब है। गड्ढों और खराब सतह के कारण वाहन चालकों को रोजाना दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। NHAI अधिकारियों के अनुसार पिछले दो महीनों में आठ बार इसकी मरम्मत करवाई जा चुकी है, फिर भी स्थायी समाधान नहीं निकल पाया।
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