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Up Kiran, Digital Desk: कोझिकोड विमान हादसे ने कई परिवारों को ऐसा दर्द दिया है जो शायद कभी खत्म नहीं होगा। इन्हीं में से एक कहानी है केरल के कोच्चि के पास थ्रिप्पुनिथुरा में रहने वाले एक परिवार की, जो एक तरफ अपनी बेटी को खोने के गम में डूबा है, तो दूसरी तरफ एक बेहद मुश्किल चुनौती का सामना कर रहा है।

इस हादसे में 28 साल की अखिला की जान चली गई, लेकिन उनके बिस्तर पर पड़े लाचार पिता को अब तक यह नहीं बताया गया है कि उनकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं है। परिवार को डर है कि अगर उन्हें यह सदमा लगा, तो उनकी जान भी जा सकती है, क्योंकि अखिला के पिता पिछले पांच सालों से लकवाग्रस्त हैं और बिस्तर पर ही रहते हैं।

यह त्रासदी और भी दर्दनाक इसलिए है क्योंकि अखिला दुबई से अपने बीमार पिता को देखने और अपनी शादी की तैयारियों के लिए घर लौट रही थीं। दिसंबर में उनकी शादी होने वाली थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।

परिवार के एक करीबी ने बताया कि जब अखिला का पार्थिव शरीर घर लाया गया, तो परिवार ने उनके पिता से कहा कि वह दुबई से लंबी यात्रा करके आई है और सो रही है, ताकि उन्हें कोई शक न हो।

यह परिवार एक तरफ अपनी बेटी को खोने के असहनीय दुख से गुजर रहा है, तो दूसरी तरफ अपने घर के मुखिया को एक और गहरे सदमे से बचाने की मुश्किल चुनौती का सामना कर रहा है। उनकी यह खामोशी उनके प्यार और उनकी बेबसी, दोनों को बयां करती है।

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