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Up Kiran, Digital Desk: देश के कई हिस्सों में मॉनसून (Monsoon) अपना विकराल रूप दिखा रहा है. दिल्ली और आसपास के इलाकों (Delhi and adjacent areas) में शुक्रवार तड़के भारी बारिश (heavy rains) हुई, जिसने राजधानी का मौसम बदल दिया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राष्ट्रीय राजधानी में आज और बारिश (more showers) का अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh), उत्तराखंड (Uttarakhand), पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), राजस्थान (Rajasthan) और बिहार (Bihar) के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी (warnings for the downpour) जारी की गई है. बढ़ती नदियों के जलस्तर (rising water levels) के कारण निचले इलाकों में बाढ़ (floods in low-lying areas) का खतरा मंडरा रहा है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. [दिल्ली बारिश अपडेट] [उत्तर भारत में बाढ़]

दिल्ली में आज भी बरसेंगे बादल! क्या तापमान रहेगा सामान्य?

आईएमडी (IMD) के अनुसार, दिल्ली में शुक्रवार को भी बादल छाए (cloud cover) रहने की संभावना है, साथ ही गरज के साथ बिजली चमकने (thundercloud formation), आकाशीय बिजली गिरने (lightning) और हल्की बारिश (light rainfall) की संभावना है. अधिकतम (maximum) और न्यूनतम तापमान (minimum temperatures) क्रमशः 34 डिग्री सेल्सियस और 24 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है. अगस्त के पहले सप्ताह (first week of August) में भारी बारिश की संभावना कम है, लेकिन रुक-रुक कर हल्की बारिश (intermittent light showers) जारी रहने की उम्मीद है, जिससे उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी लेकिन जलभराव की समस्या बनी रह सकती है. [दिल्ली मौसम पूर्वानुमान] [आज का दिल्ली मौसम]

मध्य प्रदेश में बाढ़ की स्थिति गंभीर, सेना उतरी बचाव में! बांधों से छोड़ा गया पानी बढ़ा रहा खतरा!

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बाढ़ की स्थिति (flood situation) और बिगड़ गई है. नदियों के किनारे स्थित कई जिले बाढ़ जैसी स्थिति का सामना (flood-like situations) कर रहे हैं, जहाँ सैकड़ों गाँव जलमग्न (villages submerged) हो गए हैं. चंबल नदी (Chambal River) में बढ़ते जलस्तर के कारण ग्वालियर-चंबल क्षेत्र (Gwalior-Chambal region) सबसे अधिक प्रभावित है, यह जलस्तर राजस्थान (Rajasthan) के कोटा बैराज (Kota Barrage) और नोनार बांध (Nonar Dam) से पानी छोड़े जाने के कारण बढ़ा है. नदी खतरे के निशान (danger mark) से 4 मीटर से भी ऊपर बह रही है, जिससे आसपास के क्षेत्रों में अफरातफरी का माहौल है. क्वारी (Kwari) और आसन (Asan) नदियाँ भी अपने खतरे के स्तर के करीब बह रही हैं.

श्योपुर जिले (Sheopur district) के बड़ौदा (Baroda) में 2021 की विनाशकारी बाढ़ (devastating 2021 floods) जैसी स्थिति फिर से पैदा हो गई है, जहाँ लोग भयभीत हैं. शिवपुरी (Shivpuri), दतिया (Datia) और ग्वालियर के भीतरवार (Bhitarwar in Gwalior) में SDRF कर्मी बाढ़ग्रस्त गाँवों में बचाव अभियान (rescue operations) चला रहे हैं. गुना (Guna) में पिछले दो दिनों से प्रभावित निवासियों को निकालने के लिए सेना के जवान (Army personnel) तैनात किए गए हैं. राहत और बचाव कार्यों (rescue and relief operations) में दो सेना के हेलीकॉप्टर (Army helicopters) भी लगाए गए हैं. शिवपुरी के पचावली गाँव (Pachawali village, Shivpuri) में सिंध नदी (Sindh River) में बाढ़ के कारण 50 से अधिक परिवार विस्थापित (displaced) हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. 

राजस्थान में बिगड़े हालात: चंबल खतरे के निशान से 12 मीटर ऊपर! सेना की एंट्री, जानें किन जिलों में 'जल प्रलय'?

पूरे राजस्थान (Rajasthan) में भारी बारिश (heavy rains) के कारण चंबल (Chambal) और पार्वती (Parvati) जैसी नदियाँ खतरे के निशान को पार (breaching danger levels) कर गई हैं. धौलपुर (Dholpur) में चंबल नदी खतरे के निशान से 12 मीटर ऊपर बह रही है, जिससे कई इलाके जलमग्न (submerging several areas) हो गए हैं. बचाव प्रयासों (rescue efforts) के लिए सेना को बुलाया (Army has been roped in) गया है. कोटा (Kota), धौलपुर (Dholpur), करौली (Karauli), सवाई माधोपुर (Sawai Madhopur) और टोंक (Tonk) में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें फंसे हुए लोगों को सक्रिय रूप से बचा रही हैं, जिससे बड़ी मानवीय त्रासदी को रोका जा सके.

मनाली में ब्यास नदी का तांडव: घर-दुकानों में घुसा पानी, लेह हाईवे पर खतरा!

हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में मूसलाधार बारिश (torrential rains) ने ब्यास नदी (Beas River) को मनाली के बहंग क्षेत्र (Bahang area of Manali) में घरों और दुकानों (homes and shops) में घुसा दिया है, जिससे मनाली-लेह राजमार्ग (Manali-Leh highway) को भी नुकसान पहुँचने का खतरा बढ़ गया है. इस ऐतिहासिक हाईवे के बंद होने से यातायात और पर्यटन पर बुरा असर पड़ेगा. आईएमडी ने शुक्रवार को कांगड़ा (Kangra), मंडी (Mandi), कुल्लू (Kullu), शिमला (Shimla) और सिरमौर (Sirmaur) जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान (forecast heavy rain) जताया है, जिससे राज्य 

केदारनाथ यात्रा दूसरे दिन भी निलंबित: 5,000 से अधिक तीर्थयात्री फँसे, जानें पूरा अपडेट!

उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश और भूस्खलन (heavy rains and landslides) के कारण केदारनाथ तीर्थयात्रा (Kedarnath pilgrimage) लगातार दूसरे दिन भी निलंबित (suspended) रही. एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमों ने 1,100 से अधिक तीर्थयात्रियों को बचाया है, जबकि 5,000 से अधिक लोगों को सोनप्रयाग (Sonprayag) में रोका गया है, जो सुरक्षित स्थानों पर हैं लेकिन आगे नहीं बढ़ पा रहे. सोनप्रयाग और गौरीकुंड (Gaurikund) के बीच, मुनकटिया (Munkatia) के पास केदारनाथ राजमार्ग (Kedarnath highway) का 70 मीटर का हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त (severely damaged) हो गया है, जिससे मार्ग बहाल होने में समय लगेगा. आईएमडी (IMD) ने देहरादून (Dehradun), टिहरी (Tehri), चंपावत (Champawat) और पिथौरागढ़ (Pithoragarh) के लिए येलो अलर्ट (yellow alert) जारी किया है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.

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