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taxi fitness check: दिल्ली के ऑटो और टैक्सी ड्राइवरों के लिए एक बुरी खबर है। परिवहन विभाग ने वाणिज्यिक वाहनों (टैक्सी वगैरह) की मुफ्त फिटनेस जांच की सुविधा को खत्म कर दिया है। ये फैसला 2019 में शुरू हुई और निःशुल्क थी।  अब टैक्सी मालिकों को हर जांच के लिए 300 रुपए देने होंगे। इससे दिल्ली के लगभग पचास हजार टैक्सी और 1 लाख से अधिक ऑटो ड्राइवर प्रभावित होंगे।

सन् 2019 में दिल्ली सरकार ने ऑटो और टैक्सी की फिटनेस जांच की फीस को खत्म किया था। तब ऑटो के लिए 200 रुपये और टैक्सी के लिए 400 रुपये शुल्क लिया जाता था। इस कदम को ड्राइवरों के लिए राहत के रूप में देखा गया था। लेकिन अब परिवहन विभाग के इस फैसले ने ड्राइवरों को हैरान कर दिया है।

उनका कहना है कि उन्हें इस बदलाव की कोई सूचना नहीं दी गई। ड्राइवरों ने कहा कि हम सुबह उठे तो पता चला कि नियम बदल गए हैं। कोई नोटिफिकेशन नहीं, कोई बातचीत नहीं बस नया शुल्क थोप दिया गया।

साथ ही फिटनेस जांच में देरी पर जुर्माना भी बढ़ा दिया गया है। पहले 20 रुपये रोजाना का जुर्माना था, जिसे अब 50 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है। यूनियनों का कहना है कि यह उन ड्राइवरों पर भारी पड़ेगा जो पहले से ही महंगाई और ईंधन की कीमतों से जूझ रहे हैं। दिल्ली ऑटो-टैक्सी यूनियन के प्रवक्ता मनोज सिंह ने कहा कि ये सिर्फ 300 रुपये की बात नहीं है। ये पारदर्शिता की कमी और ड्राइवरों पर बढ़ते बोझ की समस्या है।

फिलहाल परिवहन विभाग ने अभी तक इस फैसले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।