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देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। खास बात यह है कि महज 11 दिन पहले ही उन्होंने 2027 में रिटायरमेंट का संकेत दिया था, लेकिन अब उनके इस्तीफे ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

धनखड़ ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा था कि वे अपने कार्यकाल के बाद 2027 में सार्वजनिक जीवन से संन्यास ले लेंगे। उस वक्त उनके इस बयान को एक सामान्य रिटायरमेंट योजना माना गया था। लेकिन 22 जुलाई को अचानक उनके इस्तीफे की खबर आई तो सभी चौंक गए।

सूत्रों के मुताबिक, इस्तीफे के पीछे कई संभावित कारण हो सकते हैं। एक ओर यह चर्चा है कि वे किसी नई राजनीतिक या संवैधानिक भूमिका की तैयारी कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कुछ अंदरूनी मतभेद और सरकार से तालमेल की कमी को भी इसकी वजह बताया जा रहा है।

धनखड़ का कार्यकाल अब भी करीब दो साल बाकी था, ऐसे में उनका यह फैसला राजनीति में किसी बड़े बदलाव का संकेत माना जा रहा है। हालांकि, अभी तक न तो राष्ट्रपति भवन की ओर से और न ही धनखड़ की ओर से इस्तीफे की औपचारिक पुष्टि हुई है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आने वाले दिनों में धनखड़ की भूमिका को लेकर कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। संभव है कि वे किसी नई जिम्मेदारी की ओर बढ़ रहे हों।

अब सबकी नजरें आने वाले राजनीतिक घटनाक्रम पर टिकी हैं, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि धनखड़ के इस फैसले के पीछे असली वजह क्या थी।

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